Sonbhadra News: प्रसूता की मौत मामले में नया मोड़, महिला डॉक्टर पर गैर इरादतन हत्या-दलित उत्पीड़न का केस दर्ज

Sonbhadra News:शिकायतकर्ता का आरोप है कि वहां पहुंचे पुलिसकर्मियों ने किरण के शव की कुछ तस्वीरें लेने के बाद उस पर दबाव डाला और बिना पोस्टमार्टम कराए ही उसका अंतिम संस्कार करा दिया।

Update: 2024-04-01 06:53 GMT

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Sonbhadra News: घोरावल कस्बे में पिछले वर्ष गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में घोरावल पुलिस ने कथित महिला डॉक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि सीएचसी घोरावल से जवाब मिलने पर प्राइवेट डॉक्टर ने नार्मल डिलिवरी के नाम पर इंजेक्शन लगा दिया और कुछ घंटे बाद मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है।

कोर्ट के हस्तक्षेप पर मामला दर्ज

घोरावल कोतवाली क्षेत्र के बरकनहरा निवासी अशोक उर्फ पिंटू ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि उसके छोटे भाई रिंकू की पत्नी किरन गर्भवती थी। जिन्हें 31 अक्टूबर 2023 की रात 10 बजे पेट में दर्द हुआ। इसके बाद उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से घोरावल सीएचसी ले जाया गया। वहां महिला नर्स ने जांच की और कहा कि मैं इसे सिर्फ दर्द बढ़ाने वाला एक इंजेक्शन दूंगी, तभी इसकी डिलीवरी होगी। दो घंटे बाद भी दर्द कम नहीं हुआ तो घोरावल में रहने वाली डॉ. शारदा पाल उन्हें अपनी पत्नी दीनानाथ जा के पास ले गईं, जो घर में ही अस्पताल चलाती हैं। वह पहले भी किरण का इलाज कर चुकी थी। बताया कि सरकारी अस्पताल में उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि उनके पेट में दर्द नहीं है।

नार्मल डिलीवरी का झांसा देकर किया था भर्ती, जच्चा-बच्चा दोनों की मौत

इस पर डॉ. शारदा पाल ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, वह नॉर्मल डिलीवरी कराएंगी। इसके लिए 10 हजार रुपये की मांग की। पैसे देने के बाद उन्होंने गर्भवती महिला को भर्ती कर लिया और उसे एक इंजेक्शन लगा दिया कहा कि सुबह तक नार्मल डिलीवरी हो जाएगी। 1 नवंबर 2023 की सुबह जब उन्हें कोई दर्द नहीं हुआ तो उन्होंने उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा और साथ चलने को कहा तो उसने मना कर दिया। इंतजाम करने के बाद वह राबर्ट्सगंज स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि किरन की मौत हो चुकी है और उसका बच्चा भी गर्भ में मर चुका है।

पुलिस पर दबाव देकर बगैर पोस्टमार्टम दाह-संस्कार कराने का आरोप

इसके बाद वे शव लेकर घर लौट आये। पुलिस को सूचना दी गयी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वहां पहुंचे पुलिसकर्मियों ने किरण के शव की कुछ तस्वीरें लेने के बाद उस पर दबाव डाला और बिना पोस्टमार्टम कराए ही उसका अंतिम संस्कार करा दिया। कार्रवाई की बात कहने पर अगले दिन थाने आने को कहा गया। दो नवंबर को थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां से घोरावल पुलिस को इस मामले का एफआईआर दर्ज कर कानून के मुताबिक जांच करने का आदेश दिया गया।

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