Sonbhadra: 'मैं दुनिया छोड़कर जा रहा हूं...डेड बॉडी गांव भिजवा देना', सुसाइड नोट लिख प्राविधिक सहायक ने किया सुसाइड का प्रयास
Sonbhadra News: भूमि संरक्षण विभाग के अन्य कर्मियों ने देर शाम डीएम-एसपी कार्यालय पर पहुंच सुसाइड नोट की कॉपी के साथ शिकायती पत्र सौंपा। साथ ही, भूमि संरक्षण अधिकारी पर कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार और उत्पीड़न का आरोप लगाया।
Sonbhadra News: भूमि संरक्षण विभाग के चोपन स्थित कार्यालय में तैनात वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ने गुरुवार (26 अक्टूबर) की देर शाम खुदकुशी की कोशिश कर सनसनी फैला दी। आत्महत्या प्रयास के पहले, प्राविधिक सहायक ने साथियों को सुसाइड नोट की कॉपी भी मोबाइल के जरिए भेजी। घटना के लिए भूमि संरक्षण अधिकारी की तरफ से लगातार किए जा रहे उत्पीड़न को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
दूसरी तरफ, भूमि संरक्षण विभाग के अन्य कर्मियों ने भी देर रात डीएम और एसपी के कैंप कार्यालय पर पहुंचकर सुसाइड नोट की कॉपी के साथ शिकायती पत्र सौंपा। साथ ही, भूमि संरक्षण अधिकारी पर कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार और उत्पीड़न का आरोप लगाया।
इस दुनिया में रहने का हक नहीं, टूट गया हूं...
मूलतः जौनपुर निवासी प्राविधिक सहायक मनीष पाल के कथित वायरल सुसाइड नोट में लिखा है कि, उसके कार्यालय के सभी कर्मी अपने कार्य में दक्ष हैं। फिर भी भूमि संरक्षण अधिकारी बलजीत बहादुर वर्मा द्वारा किसी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता। मुझे भी बार-बार पेमेंट रोकने की धमकी दी जा रही थी। बार-बार पेमेंट रोकने की धमकी ने उसे हतोत्साहित कर दिया। लिखा- मैं आज यह दुनिया छोड़कर जा रहा हूं। मुझे अब इस दुनिया में रहने को कोई हक नहीं। मैं टूट चुका हूं..। मेरी डेड बॉडी मेरे पैतृक गांव जौनपुर भिजवा दीजिएगा।
सुसाइड नोट हुआ वायरल
जैसे ही उसके साथी कर्मियों को यह सुसाइड नोट मिला, वायरल हो गया। कर्मियों-परिचितों में हड़कंप पहुंच गया। लोग दौड़ते-भागते हुए प्राविधिक सहायक के घर पहुंचे। वहां गंभीर हालत में पड़ा देख आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां समाचार लिखे जाने तक इलाज जारी था। चिकित्सकों की तरफ से जहरीले पदार्थ के सेवन की आशंका जताई गई है।
भूमि संरक्षण अधिकारी पर घर पहुंच सुसाइड नोट फाड़ने का आरोप
इस बात की जानकारी जैसे ही भूमि संरक्षण विभाग के कर्मियों को हुई। नाराजगी जताते हुए जिला अस्पताल धमक पड़े। साथी की हालत जानने के बाद, सामूहिक रूप से डीएम और एसपी कैंप कार्यालय पहुंचे और सुसाइड नोट की कॉपी के साथ, सामूहिक शिकायती पत्र सौंपा। मामले में कार्रवाई की मांग की। मोहम्मद इकरान खान, रामरतन सिंह, नितेश कुमार कुशवाहा, राकेश पटेल, विक्रम सिंह, विवेक सिंह, मनीष कुमार ने आरोप लगाया कि मामले की जानकारी जब भूमि संरक्षण अधिकारी को मिली तो वह प्राविधिक सहायक के कमरे पर पहुंचे और सुसाइड नोट फाड़कर चलते बने।
भूमि संरक्षण अधिकारी का फोन स्विच ऑफ़
शिकायती पत्र सौंपने वाले कर्मियों ने भी भूमि संरक्षण अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। कहा कि, पिछले तीन महीने से उन्होंने सभी कर्मियों को मानसिक रूप से परेशान कर रखा है। इस मामले में संबंधित भूमि संरक्षण अधिकारी बलजीत बहादुर वर्मा के दोनों मोबाइल नंबरों पर संपर्क साधा गया तो पहले व्यस्त का उत्तर मिला। इसके बाद दोनों नंबर स्विच ऑफ़ हो गया।