Sonbhadra News: सुप्रीम कोर्ट ने सोन नदी में बालू खनन के निर्देश पर लगाई रोक, मुख्य सचिव सहित अन्य से मांगा जवाब

Sonbhadra News:मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 10 जुलाई तय की गई है।

Update:2023-05-27 03:50 IST
Sonbhadra News Supreme Court ban Sand Mining in Son River(Pic Credit - Social Media)

Sonbhadra News: देश की सर्वोच्च अदालत ने सोन नदी में बालू खनन पर रोक लगाने के दिए गए निर्देश पर अंतरिम तौर पर रोक लगा दी है। HON'BLE MR. JUSTICE J.K. MAHESHWARI और HON'BLE MR. JUSTICE PAMIDIGHANTAM SRI NARASIMHA की बेंच में शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते समय यह फैसला सुनाया। मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 10 जुलाई तय की गई है। याचिका में उल्लिखित की गई बातों के क्रम में केंद्रीय पर्यावरण सचिव और यूपी के मुख्य सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

NGT ने दिया था सोन नदी में खनन रोकने का निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बालू खनन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते समय सोन नदी में खनन रोकने का निर्देश जारी किया था। साथ ही यूपी-बिहार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से जुड़ी एक टीम गठित कर सोन नदी के जलीय पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए उपचारात्मक/सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। निर्देशों पर अमल होने तक सोन नदी में खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था। इसके क्रम में डीएम चंद्र विजय सिंह की तरफ से सोन नदी से जुड़े खनन पट्टा धारकों को नोटिस जारी कर खनन पर रोक लगा दी गई थी।

अगोरी और बरहमोरी के पट्टाधारकों ने सुप्रीम कोर्ट में दी निर्देश को चुनौती

चोपन थाना क्षेत्र के अगोरी और कोन थाना क्षेत्र के बरहमोरी में बालू खनन पट्टा संचालक फर्म की तरफ से अधिवक्ता के जरिए सुप्रीम कोर्ट में एनजीटी के निर्देश/फैसले को चुनौती दी गई। मामले में एनजीटी के निर्देश के क्रियान्वयन पर रोक के लिए अंतरिम आर्डर का भी अनुरोध किया गया। मामले की दो जजों की बेंच ने सुनवाई की और याची फर्म के अधिवक्ताओं की दलीलों में प्रथम दृष्टया दम पाते हुए, आदेश पर रोक का आदेश पारित किया। प्रकरण में अगली सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तिथि तय करने के साथ ही पक्षकारों को नोटिस जारी कर दी गई।

पहले से बंद चल रही दो बालू साइटों को भी मिल सकता है लाभ

याचिका में अन्य पक्षकारों के साथ अगोरी में पहले से बंद चल रही दो बालू साइट मेसर्स सुधाकर पांडेय और मेसर्स न्यू इंडिया मिनरल्स को भी पक्षकार बनाया गया है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का लाभ, आगे चलकर इन दोनों फर्मो को भी मिल सकता है।

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