Sonbhadra News: लाठी-डंडे से वार कर ली थी जान, मिली 10 वर्ष की कैद, तीन और दोषियों को सुनाई गई सजा, श्री यादव हत्याकांड में आया फैसला
Sonbhadra News: सोनभद्र। राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के निपराज गांव में तीन वर्ष पूर्व लाठी-्रडंडे से वारकर, की गई श्री यादव नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में फैसला सुनाया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत के सामने पेश किए गए तथ्यों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार इपर दोषसिद्ध पाया।
Sonbhadra News: राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के निपराज गांव में तीन वर्ष पूर्व लाठी-्रडंडे से वारकर, की गई श्री यादव नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में फैसला सुनाया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत के सामने पेश किए गए तथ्यों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार इपर दोषसिद्ध पाया। वहीं दोषी पाए गए पट्टीदार प्रमोद यादव को 10 वर्ष की कैद तथा 76 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न देनेे की दशा में दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया। वहीं, वारदात में सहयोग देने वाले तीन अन्य दोषियों को दो-दो वर्ष की कैद और 6-6 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में तीन -तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया।
कुछ यह है घटनाक्रम
अभियोजन कथानक के मुताबिक एक दिसंबर 2020 को दोपहर दो बजे के करीब निपराज निवासी श्री यादव के भाई की पत्नी अपने बेटे चंद्रबली के साथ भैंस चराने के लिए निकली हुई थी। उसी दौरान उनका लड़का, प्रमोद यादव के खलिहान में चला गया। इस पर प्रमोद यादव ने आपत्ति जताई और कहासुनी इकी। शाम को जब श्री यादव घर लौटे तो उन्हें पूरी घटना की जानकारी हुई। परिवार के लोगों ने तय किया कि इसको लेकर सुबह प्रमोद के घर वालों से बात की जाएगी। इसी बीच करीब साढ़े नौ बजे प्रमोद यादव, बद्री यादव , हीरा यादव और राजू यादव लाठी डंडा लेकर उसके दरवाजे पर चढ आए और गाली-गलौज शुरू दी। दरवाजे पर मौजूद श्री यादव की, प्रमोद यादव ने लाठी-डंडे से पिटाई की जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई। दवा इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक के बेटे की तहरीर पर दर्ज किया गया था केस
मृतक के बेटे श्यामू यादव की तहरीर पर मामला दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी प्रमोद यादव को 10 वर्ष की कैद तथ 76 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं शेष तीन दोषियों बद्री यादव, हीरा यादव और राजू यादव को दो दो वर्ष कैद की सजा मुकर्रर की। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक की तरफ से की गई।