Sonbhadra News: राज्यपाल ने जनजातीय समाज को बांटे भौमिक अधिकार, 411 आदिवासियों को दी गई खतौनी

Sonbhadra News: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 11 लाभार्थियों को वनाधिकार पट्टे की खतौनी उपलब्ध कराकर कार्यक्रम की शुरूआत की। वहीं, शेष को कार्यक्रम स्थल पर लगे कैंप के जरिए पुश्तैनी जमीन पर विधिक स्वामित्व का प्रमाण यानी खतौनी उपलब्ध कराया।

Update:2024-12-19 20:16 IST

राज्यपाल ने जनजातीय समाज को बांटे भौमिक अधिकार, 411 आदिवासियों को दी गई खतौनी: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: सोनभद्र में वनाधिकार कानून के तहत आदिवासियों-वनवाासियों को उनके पुश्तैनी जमीनों पर दिए जाने वाले कब्जे की कड़ी में बृहस्पतिवार को एक और कड़ी जुड़ गई। यूपी के आखिरी छोर पर छत्तीसगढ़ से सटे कारीडांड़ चपकी स्थित सेवाकुज आश्रम में आयोजित कार्यक्रम के जरिए 411 आदिवासियों को भौमिक अधिकार उपलब्ध कराया गया। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 11 लाभार्थियों को वनाधिकार पट्टे की खतौनी उपलब्ध कराकर कार्यक्रम की शुरूआत की। 


वहीं, शेष को कार्यक्रम स्थल पर लगे कैंप के जरिए पुश्तैनी जमीन पर विधिक स्वामित्व का प्रमाण यानी खतौनी उपलब्ध कराया। राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों को बच्चों के देखभाल के लिए किट उपलब्ध कराकर, बच्चों के सही पोषण और जीवन कौशल सुधारने की सीख दी।


बच्चे भगवान का रूप, मां की तरह रखें ख्याल

राज्यपाल ने बच्चों को भगवान का रूप बताते हुए कहा कि हमें इन्हें सलीके से जीवन जीने की सीख देने के साथ ही उन्हें संवारने और उनका स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए। कहा कि वह खुद गांव की रहने वाली है। इसलिए गांव की परिस्थितियों, मां के काम पर जाने या कामकाज में लिप्त होने के चलते बच्चे की सही देखभाल न हो पाने की स्थिति से अवगत हैं। आंगनबाडी कार्यकर्तियों को उपलब्ध कराए गए किट का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे में उनका दायित्व बढ़ जाता है और इस समय उनकी भूमिका मां वाली हो जाती है।


बच्चे की सही देखभाल के लिए उन्होंने आइना-कंधी के साथ ही तौलिए, सुई-धागे, नेल कटर के उपयोग का तरीका बताया। स्वास्थ्य के बिंदु पर भी जोर देते कहा कि जो दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं, वह प्राथमिक स्तर पर बच्चों की देखभाल के लिए जरूरी हैं। 


बच्चों को कोई भी कार्य करने और खाद्य सामग्री ग्रहण करने से पूर्व हाथ धुलाई का महत्व बताएं और इसके लिए उन्हें जागरूक करे। कहा कि इससे न केवल मां और बच्चे दोनों खुश होंगे बल्कि उन्हें साफ-सफाई और जीने का सलीका दोंनों समझ में आएगा।


एसीपी योजना के जरिए छात्रों-युवाओं को बनाए जिम्मेदार नागरिक

राज्यपाल ने जहां बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए उन्हें शैक्षिक भ्रमण पर ले जाने पर जोर दिया। वहीं कहा कि छात्रों-युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए जरूरी है कि उन्हें एनसीसी और स्काउट की तर्ज पर प्रशिक्षण देने वाली एसीपी योजना (स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना) के जरिए जरूरी प्रशिक्षण-ट्रेनिंग उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए उन्होंने एसपी अशोक कुमार मीणा को संजीदगी से पहल करने की हिदायत भी दी। कहा कि एसपी 50 बच्चों से इस प्रशिक्षण की शुरूआत करवें। वह, मार्च-अप्रैल 2025 में आकर स्वयं इसका निरीक्षण करेंगे। उन्होंने एसपी से कहा कि एसीपी योजना को लागू करने में कोई अड़चन आए तो वह राजभवन में आकर इसे देख और समझ सकते हैं।


क्रमवार शिक्षा की बेहतरी पर देना होगा ध्यान

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह सपना है कि 2030 तक पचास प्रतिशत युवा कालेज में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लें। वर्तमान में महज 26 प्रतिशत छात्र ही उच्च शिक्षा के लिए दाखिला ले रहे हैं। शैक्षिक रूप से भारत को समृद्ध बनाकर, तरक्की की तरफ तेजी से ब़ढ़ाने के लिए जरूरी है कि इस आंक़ड़े को छह साल में दोगुना कर दिया। यह तभी संभव है जब क्रमबद्ध तरीके से पहले आंगनबाड़ी, इसके बाद फिर प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा से होते हुए उच्च शिक्षा की तरफ बढ़ने पर ध्यान दिया जाए।


पर्यावरण और पर्यटन दोनों को बेहतर बनाना जरूरी

सोनभद्र के लिए पर्यावरण और पर्यटन दोनों को जरूरी बताते हु ए महामहिम ने कहा कि सोनभद्र वन और पर्यावरण दोनों दृष्टि से समृद्ध है। जरूरत है कि इसके समुचित संरक्षण और बेहतरी की। वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी सोनभद्र में काफी कुछ है लेकिन उसे सही पहचान नहीं मिल पाई है। इसको लेकर हो रही प्रयासों को जहां बढ़ाने की जरूरत है। वहीं अधिकारियों को तरफ से भी इसको लेकर संजीदगी दिखाई जानी चाहिए। रामलला के दर्शन के लिए उमड़ रही भारी भीड़ और प्रयाग में लग रहे विशाल कुंभ मेला का जिक्र करते हुए इसमें सोनभद्र का भी प्रमुख स्थान होना चाहिए।



मिला भौमिक अधिकार तो खिल उठे आदिवासियों-वनवासियों के चेहरे

सेवाकुंज आश्रम पहुंची राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का जहां राष्ट्रगान के बाद गर्मजोश स्वागत किया गया। वहीं, जनजातीय समाज के बच्चों ने लोकनृत्य डोमकच, करमा, झूमर आदि की अद्भुत प्रस्तुति देकर मनमोह लिया। इस दौरान राज्यपाल के हाथों बभनी ब्लाक के सतबहनी गांव की रहने वाली की धनपतिया, रग्घू सिंह, फुलेसरी देवी, कलावती, राजकुमारी, राजबली, नगवां ब्लाक के चौरा गांव के रहने वाले नारायण, पानमति, दामोदर, अवधेश, अनंत लाल पुश्तैनी जमीन पर विधिक स्वामित्व का प्रमाणपत्र पाकर गदगद हो उठे।




प्रदेश का पहला जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने की उठी मांग

सेवा समर्पण संस्थान के प्रदेश सह संगठन मंत्री आनंद ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा गुजरात में वन पर्यावरण मंत्री रहते हुए जनजातीय समाज को उनके कब्जे वाली जमीन पर विधिक स्वामित्व प्रदान करने के लिए किए गए ऐतिहासिक प्रयासों-कार्यों का जिक्र किया।


वहीं, चार राज्यों की सीमा पर स्थित सोनभद्र में प्रदेश का पहला जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने की मांग रखी। समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गौड़ ने भाजपा सरकार की तरफ से जनजातीय समाज के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष जीत सिंह खरवार, पूर्व राज्य सभा सांसद रामसकल, सेवा कुंज आश्रम के अध्यक्ष श्रीराम पाठक, केंद्र प्रमुख कृष्ण गोपाल, जिलाधिकारी बीएन सिंह, श्रवण गोंड़ सहित अन्य की मौजूदगी बनी रही।

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