Sonbhadra News: नगवां बालू साइट से फर्जी परमिट पर गुजारे सैकड़ों वाहन, पट्टाधारक कर्मी पर केस दर्ज
Sonbhadra News: पट्टा धारक व उसके कर्मचारियों ने उसके एवज में कुछ फर्जी व कूटरचित एमएम-11 व जीएसटी बिल जारी करना शुरू कर दिया। इसके चंगुल में वह भी फंस गया।
Sonbhadra News: दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के नगवां में कनहर नदी के किनारे संचालित बालू साइट से फर्जी परमिट के जरिए सैकड़ों ट्रक बालू की ढुलाई का मामला प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गया है। न्यायालय के हस्तक्षेप पर दुद्धी कोतवाली पुलिस ने साइट संचालक व संबंधित कर्मचारी के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।
शिकायतकर्ता ट्रक भेज साइट पर करता था बालू की लोडिंग
राबर्ट्सगंज कोतवाली के हिनौती निवासी शिवदधीच सिंह ने कोर्ट को दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि वह अपने नाम के साथ ही अपने पुत्र धर्मेंद्र कुमार के नाम से भी वाहन का संचालन करते थे। घटना वर्ष 2020 के अप्रैल व मई माह की है। उस समय पूरा देश कोविड-19 की चपेट में था। उस दौरान तहसील क्षेत्र दुद्धी के बघाडू वन रेंज में नगवां बालू/गिट्टी खनन स्थल संचालित है। जो मेसर्स अमन एसोसिएट, प्रोपराइटर सतीश कुमार उपाध्याय के नाम आवंटित है और उनके द्वारा ही इसका संचालन किया जाता है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वह वाहनों को नगवां स्थल पर भेजते थे, जहां बालू लोडिंग के साथ ही एमएम-11 व जीएसटी बिल व अन्य प्रपत्र उपलब्ध कराए जाते थे।
ट्रक पकड़े जाने पर खुलासा
पट्टा धारक व उसके कर्मचारियों ने उसके एवज में कुछ फर्जी व कूटरचित एमएम-11 व जीएसटी बिल जारी करना शुरू कर दिया। इसके चंगुल में वह भी फंस गया। उसे इस धोखाधड़ी की जानकारी तब हुई जब एक मई 2020 को फर्जी व कूटरचित एमएम-11 के कारण उसके वाहन को लोढ़ी टोल प्लाजा स्थित खनन बैरियर पर खनन कर्मियों ने रोक लिया। पीड़ित ने बताया कि वह मौके पर पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी दी। खनन कर्मियों ने पट्टा धारक व उसके लोगों को बुलाकर पूरी सच्चाई जानी और भरोसा दिलाया कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी लेकिन अचानक सात मई 2020 को उसके वाहन के खिलाफ कोतवाली राबर्ट्सगंज में एफआईआर दर्ज करा दी गई। पूरे घटनाक्रम की जानकारी जांच अधिकारी समेत संबंधित अधिकारियों को दी गई। इसके बावजूद न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई।
मामले की जांची सच्चाई तो सामने आए चौंकाने वाले खुलासे
शिकायतकर्ता का दावा है कि कोविड- 19 का असर कम होने के साथ ही जब उसने स्वयं के स्तर से प्रकरण में जानकारी जुटाई तो पता कि नगवां बालू साइट से सैकड़ों वाहनों को फर्जी एवं कूटरचित एम.एम.-11 तथा उसके सापेक्ष जीएसटी बिल थमाया गया है। मामले मं लीज धारक सतीश कुमार उपाध्याय निवासी बंधवा, कछवा, मिर्जापुर और कर्मचारी शाहिल खां पुत्र शमीम खां निवासी 162, वार्ड 11, ठठेरी मुहाल, कस्बा और थाना दुद्धी की मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक प्रकरण में आईपीसी की उपरोक्त धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन की जा रही है।