Sonbhadra News: अपने ही कुनबे के महिला की घर में घुसकर की थी बेरहमी से पिटाई, बाद में हो गई थी मौत
Sonbhadra News: दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के धनौरा गांव के रहने वाले प्रह्लाद पांडेय ने गत 18 जनवरी 2011 को विंढमगंज थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर सौंपी थी, आरोप लगाया था कि उनके रिश्तेदार के घर में उनके पट्टीदारों ने घुसकर परिवार वालों की बेरहमी से पिटाई की है।
Sonbhadra News: विंढमगंज कोतवाली क्षेत्र के पतरिहा गांव में अपने ही कुनबे की महिला सहित अन्य परिवारीजनों की बेरहमी से पिटाई और प्राणघातक हमले के चलते बाद में महिला की मौत होने के मामले में बड़ा फैसला आया है। इस मामले में सत्र न्यायाधीश रवींद्र बहादुर सिंह की अदालत ने एक ही परिवार के छह व्यक्तियों को पांच साल कठोर कैद की सजा सुनाई है।
प्रकरण वर्ष 2011 का है। दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के धनौरा गांव के रहने वाले प्रह्लाद पांडेय ने गत 18 जनवरी 2011 को विंढमगंज थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर सौंपी थी। आरोप लगाया था कि उनके रिश्तेदार रामनगीना चौबे के घर में उनके पट्टीदारों ने घुसकर परिवार वालों की बेरहमी से पिटाई की है।इसमें बुंदेला चौबे, उनकी पत्नी सुमित्रा देवी और बहू निशा चौबे गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर हालत होने के कारण उन्हें वाराणसी ले जाया गया। उपचार के दौरान लगभग एक माह बाद सुमित्रा देवी की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी, जहां लगभग 13 साल तक सुनवाई चली।
प्राणघातक हमले के लिए इन्हें-इन्हें सुनाई गई सजा
जिला सत्र न्यायाधीश रवींद्र विक्रम सिंह की अदालत ने गत 31 जुलाई को मामले की सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और दोनों पक्षों की तरफ के अधिवक्ताओं की ओर से दी गई दलीलों के आधार पर, प्राणघातक हमले सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकाश चन्द्र चौबे, कामेश्वर चौबे, शेषमणि चौबे, योगेन्द्र चौबे, प्रमोद कुमार चौबे व प्रदीप चौबे को दोषी पाया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता की तरफ से दोषियों को परिवीक्षा अधिनियम का लाभ दिए जाने की मांग की गई थी। दलील दी गई थी कियह प्रकरण आजीवन कारावास या मृत्युदंड से दंडनीय नहीं है। दोनों पक्ष एक ही परिवार के है। वहीं न्यायालय ने माना कि जो साक्ष्य और परिस्थितियां हैं, उसमें परिवीक्षा अधिनियम का लाभ नहीं दिया जा सकता।
इन-इन धाराओं के तहत पाया गया दोषी
सभी आरोपियों को धारा 308 सपठित धारा 149 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए पांच वर्ष का सश्रम कारावास, पांच हजार जुर्माना, धारा 325 के लिए तीन वर्ष का सश्रम कारावास, दो हजार पांच सौ अर्थदंड, धारा 323 के लिए छह माह के साधारण कारावास, धारा 452 के लिए एक वर्ष के सश्रम कारावास, एक हजार अर्थदंड, धारा 147 आईपीसी के लिए एक वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अर्थदंड जमा होने के बाद 75 प्रतिशत धनराशि मृतक बुंदेला के पिता रामनगीना चौबे को प्रदान की जाएगी। सारी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जेल में बिताई गई अवधि भी सजा में समाहित की जाएगी।