Sonbhdra: थानों से नवजातों की नहीं भेजी गई क्रास रिपोर्ट, प्राधिकरण सचिव ने जताई नाराजगी
विभिन्न थाना क्षेत्रों में पाए जाने वाले नवजात ऐसे बच्चे, जिन्हें शिशु-स्वधार गृह में आवासित कराया गया है, उनके बारे में भी थानों से क्रास रिपोर्ट न भेजे जाने की शिकायत मिली।
Sonbhdra: जहां एक तरफ जिले में बाल तस्करी को लेकर शिकायतें आ रही हैं। वहीं जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव विनय सिंह की तरफ से बुधवार को महिला कल्याण विभाग की तरफ से संचालित शिशु-स्वधार गृह के किए गए औचक निरीक्षण में यहां तैनात चैकीदार के बारे में कई माह व्यतीत होने के बाद भी पुलिस की तरफ से सत्यापन रिपोर्ट नहीं भेजे जाने का मामला प्रकाश में आया।
विभिन्न थाना क्षेत्रों में पाए जाने वाले नवजात ऐसे बच्चे, जिन्हें शिशु-स्वधार गृह में आवासित कराया गया है, उनके बारे में भी थानों से क्रास रिपोर्ट न भेजे जाने की शिकायत मिली। इस पर नाराजगी जताते हुए सचिव ने जहां संबंधित थाना प्रभारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। वहीं सीएमओ को शिशु गृह में आवासित बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल बनाए रखने के निर्देश दिए। देखभाल सहित अन्य मामलों को लेकर भी संजीदगी न दिखाए जाने पर संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करने की चेतावनी दी गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जनपद न्यायाधीश अशोक कुमार यादव के निर्देशन में पूर्णकालिक सचिव विनय कुमार सिंह बुधवार की शाम महिला कल्याण विभाग की तरफ से जिला मुख्यालय पर संचालित सर्वोदय शिशु गृह और स्वधार गृह का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्हांनेे पाया कि संस्था में कार्यरत चैकीदार का अब तक पुलिस की तरफ से पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट नहीं भेजी गई। इसे सचिव ने संबंधित थाना प्रभारी की घोर लापरवाही मानी और उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
वंहीं संस्था में आवासीत बच्चों को सुरक्षा स्वास्थ्य के लिए बेहतर उपचार व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र प्रेषित कर निर्देशित किया। संस्था में आवासित किये गए नवजातों-बच्चों का उनसे जुड़े क्षेत्रों के थाना प्रभारियों की तरफ क्रॉस रिपोर्ट न मिलने पर नाराजगी जताई और नोटिस जारी कर जवाब मांगा। कहा कि जिस भी अधिकारी द्वारा अपने कार्यो के प्रति लापरवाही बरती जाएगी, उसके विरुद्ध नोटिस जारी कर जबाब तलब किया जाएगा।
बताते चलें कि क्रास रिपोर्ट के लिए बाल कल्याण-संरक्षण विभाग की तरफ से संबंधित थाना यानी जिस थाना क्षेत्र में नवजात या शिशु पाया गया है। वहां उसके पाए जाने की स्थिति, उसके बारे में किसी ने कोई दावा तो पेश नहीं किया गया है, इसकी जानकारी के लिए संबंधित थाने को पत्र भेजा गया था। उस पत्र के क्रम में, थाना प्रभारी के माध्यम से संबंधित थाने के बाल कल्याण अधिकारी को, आवश्यक जानकारी बाल कल्याण इकाई को भेजनी होता है लेकिन बुधवार को मुख्यालय स्थित शिशु-स्वधार गृह में आवासित एक भी बच्चे की क्रास रिपोर्ट नहीं पाई गई।
सचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि संस्था में आवासित बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जो भी बैंक, एनजीओ, गैर सरकारी संस्थाएं इच्छुक हैं, वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से सुविधा-सेवा उपलब्ध करा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने इच्छुक लोगों से प्राधिकरण के साथ बैठक कर मंत्रणा करने के लिए आमंत्रित भी किया। कहा कि बच्चे राष्ट्र निर्माता है। उनके स्वास्थ्य-शिक्षा को लेकर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संस्था के कर्मचारियों को निर्देशित किया कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में कोई कमी न हो, इसके लिए उन्हें सभी उपलब्ध सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।