लखनऊ। सपा ने योगी सरकार में हुए ताबड़तोड़ एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कानून व्यवस्था सुधारने के नाम पर फर्जी एनकाउंटर को प्रोत्साहन मिल रहा है। पुलिस निर्दोष लोगों को मार रही है। सपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रामनाईक को शनिवार को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में ला एंड आर्डर को नियंत्रित करने का अनुरोध किया ताकि निर्दोष व्यक्तियों को फर्जी मुकदमों में न फंसाया जा सके।
राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा ने छल कपट और झूठे वादों के आधार पर सत्ता हासिल की है। भाजपा के गुंडे पुलिस की पिटाई कर रहे हैं। थानों में भाजपा नेताओं का राज है। पुलिस बल का प्रयोग अब विपक्ष को दबाने, फंसाने और उसको प्रताड़ित करने में हो रहा है। हाल में निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं ब्लाक प्रमुखों को हटाकर भाजपा के लोगों को बिठाने में प्रशासन ने नंगा नाच किया हैं। यह राजनीतिक भ्रष्टाचार का ज्वलंत उदाहरण है।
ज्ञापन के साथ बागपत के चिरचिटा थाना सिंघावली अहीर के निवासी सुमित कुमार की तीन अक्टूबर को मुठभेड़ दिखाकर की गई हत्या की सीबीआई जांच की मांग का प्रार्थनापत्र भी दिया गया है, बताया गया कि सुमित की कोई अपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है उसका एनकाउंटर फर्जी है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि प्रदेश का विकास ठप्प हो गया है। अल्पसंख्यक वर्ग दहशत में हैं। व्यापारी, महिलाएं, छात्राएं असुरक्षित हैं। मासूम बालिकाओं की दुष्कर्म के बाद हत्या, छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं से पूरा समाज शर्मसार है और घुटन महसूस कर रहा है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि अखिलेश सरकार की पूरी योजनाओं को अधूरा दिखाकर योगी उन प्रोजेक्टो का पुनः लोकार्पण कर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल में थे यह नेता
प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन, नेता विरोधी दल विधान सभा रामगोविन्द चौधरी, मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी, एमएलसी रामसुन्दर दास निषाद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष छात्रसभा अतुल प्रधान शामिल थे।