श्रम कानून बदलाव पर सपा ने भाजपा को लिया आड़े हाथ
समाजवादी पार्टी ने श्रम कानूनों में छंटनी की नई व्यवस्था लागू किए जाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार पूंजीपतियों के हाथों में देश को बेच रही है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने श्रम कानूनों में छंटनी की नई व्यवस्था लागू किए जाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार पूंजीपतियों के हाथों में देश को बेच रही है। उसे आम जन के हित व सरोकार से कोई वास्ता नहीं है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सोमवार को जारी बयान में कहा है कि भाजपा ने अपने चाल-चरित्र से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पूरी तरह पूंजीघरानों की हितरक्षक है। किसान मजदूर और नौजवान उसकी प्राथमिकता में नहीं हैं। किसानों के हितों से खिलवाड कर उनहें मजदूर बनाने वाले कृषि कानून के बाद अब श्रमिक विरोधी औद्योगिक सम्बंध संहिता-2020 विधेयक ले आई है।
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पूंजीपतियों की मनमानी करने की छूट
श्रम कानूनों में बदलाव के जरिये भाजपा ने केवल पूंजीपतियों की मनमानी करने की छूट दी हैं। अब तक 100 से कम कर्मचारी वाले औद्योगिक प्रतिष्ठान या संस्थान ही पूर्व सरकारी मंजूरी के बिना कर्मचारियों को रख और उन्हें हटा सकते थे। अब नई व्यवस्था में 300 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कम्पनी सरकार से मंजूरी लिए बिना कर्मचारियों की जब चाहे छंटनी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से अब बड़े फैक्ट्री मालिकों के हाथ में छंटनी का ऐसा हथियार आ गया है जिसका दुरूपयोग करके वह कर्मचारियों को छंटनी का भय दिखाकर बंधुआ मजदूर बनाकर रखने में कामयाब हो जाएंगे। कर्मचारियों के हितों की हत्या कर भाजपा नेता व सरकार अब फैक्ट्री मालिकों को मलाई बांटने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि मजदूरों और कमजोर वर्ग के लोगों की लडाई हमेशा से समाजवादी पार्टी लडती आई है। भाजपा का मजदूरों से कोई लेना –देना भी नहीं है। श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिए सपा अब जोरदार तरीके से आवाज बुलंद करेगी। प्रदेश और देश में बेकारी सुरसा की तरह बढ़ती जा रही है। पहले ही कोरोना संकट और लाॅकडाउन से बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग को तमाम आर्थिक परेशानियां उठानी पड़ रही है। आज भी वे उससे उबर नहीं पाए हैं।
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रोजगार देने के उसके दावे सिर्फ सफेद झूठ
अब भाजपा मजदूरों और कामगारों का मनोबल तोड़ने, उन्हें असहाय बनाने की साजिश में जुट गई है। इससे साबित हो गया है कि श्रमिकों को रोजगार देने के उसके दावे सिर्फ सफेद झूठ है। लॉकडाउन के बाद सरकार ने लोगों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन हकीकत इसके उलट है। शहरों से जान बचाकर आए मजदूर और कामगार अब रोजगार की तलाश में वापस जा रहे हैं। प्रदेश और देश की सरकार आज तक मजदूरों को उनके घर के पास रोजी- रोटी का इंतजाम नहीं कर सकी है। ऐसी झूठी और प्रपंच रचने वाली सरकार को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।
अखिलेश तिवारी