बड़ा सवाल: क्या सपा विधायक रमाकांत यादव फिर लौट रहे हैं भाजपा में ?

Ramakant Yadav join BJP: भाजपा से एमएलसी पद के उम्मीदवार अरुणकांत यादव ने अपने पिता और सपा विधायक रमाकांत यादव के भाजपा में जल्द शामिल होने की बात कही।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Monika
Update: 2022-04-04 05:43 GMT

सपा विधायक रमाकांत यादव (photo : social media) 

Ramakant Yadav join BJP: हाल ही में विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर आजमगढ़ (Azamgarh) की फूलपुर विधानसभा सीट (Phulpur assembly seat) से चुनाव जीतने वाले बाहुबली रमाकांत यादव (Ramakant Yadav join BJP)  के एक बार फिर भाजपा में वापसी के संकेत मिल रहे हैं। उनके बेटे और विधानपरिषद चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अरुण कांत यादव (Arunkant Yadav) ने स्वयं यह बात कही है। इन दिनों वह पूरे क्षेत्र में यह बात प्रचारित करने में लगे हैं कि पिता रमाकांत यादव सपा छोड़कर उनके साथ भाजपा में आने को तैयार हैं।

बताते चलें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जब समाजवादी पार्टीने रमाकांत यादव का टिकट घोषित किया तो भाजपा को मजबूरी में उनके बेटे और पार्टी विधायक अरूणकांत यादव का टिकट काटना पडा। अरूणकांत की जगह रामसूरत को टिकट दिया गया जिसे रमाकांत यादव ने हरा दिया। अब इस बार भाजपा ने उनके बेटे अरूणकांत यादव को एमएलसी के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है तो वह अपने प्रचार प्रसार के दौरान इस बात पर जोरदेरहे है कि उनके पिता जल्द ही भाजपामेंषामिल हो जाएगें।

भारतीय जनता पार्टी के कैबिनेट मंत्री एके शर्मा जब रविवार को कोपागंज में आयोजित पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन के मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे तो यहां पर भी भाजपा से एमएलसी पद के उम्मीदवार अरुणकांत यादव ने जब अपने पिता और सपा विधायक रमाकांत यादव के भाजपा में जल्द शामिल होने की बात कही तो कार्यक्रम में उपस्थिति लोग आष्चर्यचकित रह गए। आजमगढ़ के पूर्व सांसद रमाकांत यादव 2017 में भाजपा में थे और अपने पुत्र अरुणकांत यादव को भी इसी सीट से भाजपा से जिताने का काम किया था। लेकिन बाद में 2019 में लोकसभा का टिकट भाजपा से नहीं मिलने पर समाजवादी पार्टी में चले गए थे। रमाकांत यादव इससे पूर्व बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी से सांसद भी रह चुके हैं। उनकी पहचान पूरे क्षेत्र में एक बाहुबली नेता के रूप में है।

रमाकांत यादव यहां से कभी सपा तो कभी बसपा से चुनाव लड़ते आए

अस्सी के दौर में इस सीट से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव भी चुनाव लड चुके हैं।  लेकिन इसके बाद रमाकांत यादव यहां से कभी सपा तो कभी बसपा से चुनाव लड़ते आए हैं। उन्होंने 1985 में कांग्रेस, 1989 बसपा,1991 जनता दल,1993 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। अपने राजनीतिक जीवन में रमाकांत यादव को कभी हार तो कभी जीत मिलती रही है। वह पूर्व में भाजपा से भी विधायक और सांसद बन चुके हैं।

बाहुबली रमाकांत यादव फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक और आजमगढ़ संसदीय सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2019 में भाजपा से टिकट न मिलने पर रमाकांत यादव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद वह भदोही से लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें मात्र 26 हजार वोट मिला था। तब से रमाकांत यादव राजनीति के क्षेत्र में वह लगातार हाशिए पर दिख रहे हैं।

2007 में रमाकांत यादव के पुत्र पहली बार विधायक बने

2007 के विधानसभा चुनाव में रमाकांत यादव के पुत्र अरुण यादव पहली बार विधायक बने। उन्होंने रामनरेश यादव को हराने का काम किया। यह संयोग ही है कि 2012 के चुनाव में रामनरेश यादव के पुत्र अजय नरेश कांग्रेस के टिकट पर और रमाकांत यादव के भतीजे वीरेंद्र यादव की लड़ाई में सपा के श्याम बहादुर यादव ने बाजी मारी और विधायक बने। इसके बाद फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में रमाकांत यादव के पुत्र अरुणकांत यादव भाजपा के टिकट पर सपा के श्याम बहादुर यादव को हराकर विधायक बने। इस समय भी यह सीट रमाकांत यादव के परिवार में ही है।

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