अब पानी का छिड़काव कर कम करेंगे प्रदूषण का स्तर, फिर लगाएंगे एयरप्यूरी फायर
नोएडाः प्रदूषण से निपटने के लिए नोएडा प्राधिकरण की तरफ से प्रयास किए जा रहे है। इसके तहत कंस्ट्रक्शन साइटों के आसपास और सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। दरअसल नोएडा के कई इलाकों में चल रहे निर्माण कार्यो के चलते सड़कों पर मिट्टी इक्कठा हो गई है और गाड़ियों की आवाजाही से धुल उड़ कर हवा में घुल रही है। जिससे प्रदूषण फैल रहा है। इसी की रोकथाम के लिए नोएडा प्रधिकरण ने पानी के टैंकरों से सड़कों पर पानी का छिड़काव करवाना शुरू किया है ताकि धूल को हवा में घुलने से रोका जा सके।
आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर...
लगाए जाएंगे एयर प्यूरीफायर
शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा एयर प्यूरीफायर लगाने का काम किया जाएगा। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर तत्काल प्रभाव से काम करने के निर्देश सीईओ पीके अग्रवाल ने दिए है। पहले चरण में बाजार , भीड़भाड़ वाले इलकों में प्यूरीफायर लगाने की योजना है।
पीएम-1०अब भी पांच गुना
रविवार को शहर स्मॉग की चादर में ढका रहा। हालांकि पीएम-2.5 का स्तर पहले ही कुछ कम हुआ हो लेकिन पीएम-1० आभी भी मानक से पांच गुना अधिक यानी 5०० से ज्यादा बना हुआ है। ऐसे में हल्के और भारी कणों के आपस में मिलने से वातावरण में सघन स्मॉग बन चुका है। प्रदूषण विभाग के अनुसार यहां पीएम 2.5 का स्तर 366 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। जो सामान्य से करीब 4 गुना अधिक है, जबकि पीएम 1० की मात्रा अब भी 5०० से अधिक है।
ड्राई आइज के बढ़े मरीज
अगर आंकड़ों की मानें तो दिल्ली एनसीआर में लगभग 3.4 लाख ऐसे पुराने वाहन चल रहे हैं, जिससे निकलने वाला धुंआ भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। स्मॉग के चलते आंखे लाल होना आंखों से पानी आना और खुजली होना जैसी समस्याएं हो रही हैं। उन्होंने बताया कि स्मॉग के चलते ड्राई आइज यानी आंखों में सूखापन, लाली, सेंसेटिविटी आदि इसके लक्षण हैं के मरीज आ रहे है।
एक सप्ताह तक रहेगा असर
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर रणजीत सिंह ने बताया कि आगामी ग्यारह नवंबर तक वातावरण में धूल के साथ कोहरा छाया रहेगा। धूप निकलने के आसार कम है। ऐसे धूप निकलने के बाद ही धूल के कणों में कमी आएगी। फिलहाल स्मॉग के चलते लोगों को एहतियात बरतनी होगी।