लखनऊ: यूपी सरकार ने आईटी और इससे जुड़े सेवा क्षेत्र की कंपनियों के निवेश को बढ़ावा देने के लिए उप्र आईटी एवं स्टार्ट अप नीति-2016 लागू की है। इसमें आईटी से जुड़ी सेवा इकाईयों को अनेक प्रोत्साहन दिए गए हैं।
नई नीति में प्रदेश में स्थापित की जाने वाली आईटी इकाइयों को भूमि/कार्यालय के लिए जमीन या इमारत खरीदने या पट्टे पर लिए जाने पर स्टाम्प शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी। लेकिन, छूट इस शर्त पर दी जाएगी कि वे इकाइयां तीन सालों के अंदर अपना परिचालन शुरू कर दें।
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कर्मचारी भविष्य निधि पर भी अनुदान
-नई नीति में सेवा इकाईयों को व्यवसाय शुरू होने के बाद पांच साल की अवधि तक बिजली शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।
-रोजगार पैदा करने के लिए इन इकाईयों को कर्मचारी भविष्य निधि पर भी अनुदान दिया जाएगा।
-व्यवसाय शुरू होने के बाद यूपी के मूल निवासी एवं निरंतर एक साल तक रोजगार में रहे आईटी प्रोफेशनल्स को अदा की गई कुल भविष्य निधि धनराशि की पांच सालों तक शत-प्रतिशत प्रति पूर्ति की जाएगी।
-इस प्रतिपूर्ति की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपए प्रति साल प्रति इकाई होगी।