अजय कुमार लल्लू ने कहा- सरकार बताए जहरीली शराब से यूपी में हुई मौतों का जिम्मेदार कौन

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार आपदा में नाना प्रकार के अवसर तलाश रही है।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-05-12 10:02 GMT

अजय कुमार लल्लू (फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यूपी सरकार पर हमला बोला है। अजय कुमार लल्लू ने आजमगढ़ व अम्बेडकरनगर के सीमावर्ती थाना इलाकों में जहरीली शराब पीने से हुई 22 लोगो की दुःखद मौत पर सरकार से सवाल पूछा है कि उत्तर प्रदेश सरकार बताये कि उसके कार्यकाल में जहरीली शराब का अवैध कारोबार किसके संरक्षण में चल रहा है और जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का कौन जिम्मेदार है?

उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में जहरीली शराब व शराब माफियाओं के गोरखधंधे को पर लगे हुए है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, रुहेलखंड, बुंदेलखंड, मध्य उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक जहरीली शराब का कारोबार करने वाले शराब के नाम पर मौत बांट रहे हैं और सरकार अपराधियो के विरुद्ध कार्यवाही करने से परहेज कर रही है।

उन्होंने कहा कि आजमगढ की घटना के बाद आये तथ्यों से पता चल रहा है कि पुलिस चौकी की नाक के नीचे जहरीली शराब की बिक्री हो रही थी और शराब की दुकान खुली हुई थी जबकि कोरोना कर्फ्यू के कारण आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद है।

सरकार आंख मूंद कर बैठी 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार आपदा में नाना प्रकार के अवसर तलाश रही है उसी के रास्ते पर अपराधी भी आपदा में अवसर तलाशकर अवैध जहरीली शराब का खुलेआम धंधा कर रहे है और सरकार आंख मूंद कर बैठी हुई है।

आगे उन्होंने कहा कि संवेदनहीन सरकार प्रदेश में जहरीली शराब कारोबारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के स्थान पर उन्हें संरक्षण देती हुई दिखायी दे रही है। उन्होंने पूछा कि सरकार बताये कि उसके और जहरीली शराब माफियाओं के मध्य क्या सम्बन्ध हैं?

अजय कुमार लल्लू ने आजमगढ़, अम्बेडकरनगर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को दुःखद बताते हुए कहा कि राज्य की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा जहरीली शराब के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही न करना यह साबित करता है कि उसकी सहानुभूति और संरक्षण जहरीली शराब के मौत के सौदागरों के साथ है।

दुःखद घटना में लीपापोती

उन्होंंने सवाल उठाया कि आजमगढ़ व अंबेडकर नगर के सीमावर्ती गांवों से जहरीली शराब का कारोबार कैसे पुलिस की नाक के नीचे होता रहा और शराब की दुकान खुली रही? जबकि कोरोना कर्फ्यू के कारण आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी प्रकार की दुकान बंद है।

उन्होंने कहा कि इस दुःखद घटना पर ग्रामीणों का गुस्सा और उनके सवालों से स्थानीय प्रशासन सरकार में बैठे किन बड़ोे के इशारे पर सामना करने से बचते हुए कह रहा है कि प्रथम दृष्टया शराब से हुई मौतें नहीं माना जा सकता है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट करने की बात कहकर दुःखद घटना में लीपापोती करने का प्रयास भी प्रारम्भ हो गया है जिस कारण वहां सरकार की कार्यप्रणाली के विरुद्ध व्यापक आक्रोश है। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार शराब माफियाओं को बचाने के बजाय उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही करे।


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