कई विभागों के राज्य कर्मचारी कल करेंगे धरना-प्रदर्शन

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि निजीकरण को रोकने, पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग गठित करने, ठेका प्रथा संविदा की जगह स्थाई नियुक्तियां किये जाने, कर्मचारी आचरण नियमावली में सुधार कर कर्मचारियो को अधिकार दिए जाने, 50 साल की उम्र अथवा 30 साल की सेवा पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति किए जाने के विरोध में प्रदेश के राज्य कर्मचारी सोशल दूरी का पालन करते हुए जिला मुख्यालयो पर धरना देंगे।

Update: 2020-10-13 12:25 GMT
कई विभागों के राज्य कर्मचारी कल करेंगे धरना-प्रदर्शन (social media)

लखनऊ: 30 साल की सेवा पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति, निजीकरण तथा पुरानी पेंशन बहाली जैसी मांगों को लेकर कल बुधवार को यूपी के सरकारी कर्मचारी राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे। इप्सेफ के आह्वान पर आयोजित इस धरने में उप्र. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद तथा कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा भी इस आंदोलन में शामिल हो गया है।

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि निजीकरण को रोकने, पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग गठित करने, ठेका प्रथा संविदा की जगह स्थाई नियुक्तियां किये जाने, कर्मचारी आचरण नियमावली में सुधार कर कर्मचारियो को अधिकार दिए जाने, 50 साल की उम्र अथवा 30 साल की सेवा पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति किए जाने के विरोध में प्रदेश के राज्य कर्मचारी सोशल दूरी का पालन करते हुए जिला मुख्यालयो पर धरना देंगे।

सरकारों की उपेक्षा पूर्ण रवैये से कर्मचारी नाराज हैं

उन्होंने कहा कि सरकारों की उपेक्षा पूर्ण रवैये से कर्मचारी नाराज हैं। पुरानी पेंशन बहाली, सरकार संविदा ध्आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति, निजीकरण पर रोक, जो आम जनता के भविष्य के लिए भी घातक है, राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन, 50 साल की उम्र या 30 साल की सेवा पर जबरन रिटायर किए जाने से कर्मचारी परेशान है, और इसे बर्दाश्त नहीं करेगा ।

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बुधवार को होने वाले इस ध्यानाकर्षण धरना में चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण, वन विभाग, समाज कल्याण, वाणिज्यकर, कोषागार,परिवहन, रोडवेज, नगर निगम, केजीएमयू, डॉ. आरएमएल संस्थान, वन निगम, सेतु निगम, कृषि, शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा आदि विभागों के कर्मचारी इसमे भागीदारी कर सरकार का ध्यानाकर्षण अपनी मांगो के प्रति करेंगे।

मनीष श्रीवास्तव

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