योगी सत्यम की गिरफ्तारी पर रोक, बिना अनुमति जिला छोड़ने पर रोक
कोर्ट ने यह आदेश योगी सत्यम पर उनकी बेटी द्वारा दर्ज कराए गए दुराचार के मामले पर सुनवाई करते हुए दिया है। साथ ही पुलिस को निर्देश दिया है कि, वह इस मामले की विवेचना तीन महीने के अंदर पूरी करे। यह आदेश जस्टिस विपिन सिन्हा और अजीत सिंह की खंडपीठ ने दिया है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्रियायोग संस्थान के संचालक योगी सत्यम की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही यह शर्त भी लगायी है कि, वह बिना अधिकारियों की अनुमति के प्रयागराज जिले के बाहर नहीं जाएंगे।
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कोर्ट ने यह आदेश योगी सत्यम पर उनकी बेटी द्वारा दर्ज कराए गए दुराचार के मामले पर सुनवाई करते हुए दिया है। साथ ही पुलिस को निर्देश दिया है कि, वह इस मामले की विवेचना तीन महीने के अंदर पूरी करे। यह आदेश जस्टिस विपिन सिन्हा और अजीत सिंह की खंडपीठ ने दिया है।
याचिका पर योगी सत्यम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी और शिकायतकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एमडीसिंह शेखर व वीकेएस परमार ने बहस की। याची का कहना था कि, उसकी बेटी की हालत ठीक नहीं है। जबकि पीड़िता के वकील का कहना था कि, उसकी मानसिक हालत पूरी तरह ठीक है और पुलिस को दिए गए बयान में उसने अपने साथ हुए अत्याचार और आश्रम की अन्य संवासिनियों के साथ हुई घटना का पूरा व्यौरा दिया है। याची ने कहा कि, वह विवेचना में पूरा सहयोग करेगा और कोर्ट के आदेश का पालन करेगा।
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स्वामी नरेन्द्रानंद को कुंभ मेले में भूमि आवंटित न करने पर जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी सुमेरूपीठाधीश्वर नरेन्द्रानंद सरस्वती को कुंभ मेले में जमीन आवंटित न करने के खिलाफ मेला प्रशासन और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका पर सुनवाई 30 जनवरी को होगी। यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल और जस्टिस पंकज भाटिया की खंडपीठ ने स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
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याचिका पर अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने बहस की। याचिका में भूमि आवंटन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मेला फंड की ऑडिट कराने की भी मांग की गयी है। मेला प्राधिकरण के अधिवक्ता कार्तिकेय सरन ने बताया कि, याची को सेक्टर नंबर 14 में भूमि आवंटित की गयी है। लेकिन याची ने जमीन लेने से यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि, उन्हें विगत वर्षों में काशी सुमेरू पीठ न्यास के नाम पर त्रिवेणी संगम लोअर मार्ग पर जमीन दी जाती रही है।