छोटे भाई की फीस नहीं दी तो बड़े भाई का रिपोर्ट कार्ड रोका, अभिभावक ने लगाई न्याय की गुहार

सीएम योगी की ओर से प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने की पहल की जा रही है। लेकिन धरातल पर कुछ ओर नजर आ रहा है। प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे है।

Update: 2017-04-18 14:47 GMT

मेरठ: सीएम आदित्यनाथ योगी की ओर से प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने की पहल की जा रही है। लेकिन धरातल पर कुछ ओर ही नजर आ रहा है। प्राइवेट स्कूल अभी भी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे है। मंगलवार (18 अप्रैल) को ऐसा ही मामला मेरठ के डीएम आॅफिस पर देखने को मिला। यहां एक अभिभावक ने एक स्कूल प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। बच्चों संग पहुंचें पिता ने डीएम से न्याय की गुहार लगाई है।

क्या है मामला

-दिल्ली रोड स्थित मोहमपुर निवासी मांगे राम मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं।

-उनके दो बच्चें दिल्ली रोड स्थ्ति नोबेल पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं।

-आरोप है, कि स्कूल में हर तीन माह में टीचर को बदल दिया जाता है।

-जिस कारण बच्चों को पढ़ाई में परेशानी होती है।

-यहीं नहीं हर साल वह किताबें बदल देते हैं।

-प्रतिवर्ष नई किताबों का बंदोबस्त करना मुश्किल है।

-उन्होंने बताया कि इन किताबों की कीमत भी 3 से 4 हजार रुपए होती है।

फीस के चलते रोका रिपोर्ट कार्ड

-पीडित व्यक्ति ने बताया कि उसके छोटे बेट का नर्सरी में एडमिशन होना था।

-लेकिन उन्होंने साढ़े छह हजार रुपए की मांग की।

-जब रुपए नहीं दिए तो उन्होंने उसके बड़े बेटे जो कक्षा नौ में पढ़ता है, उसका रिपोर्ट कार्ड रोक दिया।

-पीडित ने डीएम को दिए ज्ञापन में मामले की जांच कर न्याय की गुहार लगाई है।

Tags:    

Similar News