अश्लील कमेंट करने वाले प्रोफेसर की बर्खास्तगी के लिए बीएचयू गेट पर छात्राओं का धरना जारी

बीएचयू में जंतु विज्ञान की छात्राओं पर अश्लील कमेंट करने के आरोप में निलंबित प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त करने की मांग करते हुए छात्राएं शनिवार शाम छह बजे से सिंह द्वार पर धरने पर बैठी हैं। अभी भी धरना जारी है।

Update: 2023-04-29 08:21 GMT

वाराणसी: बीएचयू में जंतु विज्ञान की छात्राओं पर अश्लील कमेंट करने के आरोप में निलंबित प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त करने की मांग करते हुए छात्राएं शनिवार शाम छह बजे से सिंह द्वार पर धरने पर बैठी हैं। अभी भी धरना जारी है।

नारेबाजी करते हुए छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर प्रोफेसर को बचाने का आरोप लगाया। चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओपी राय ने छात्राओं को मनाने का प्रयास किया, लेकिन देर रात तक वह कुलपति को बुलाने पर अड़ीं थीं।

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धरने पर बैठी छात्राओं ने बताया कि पुणे टूर के दौरान प्रोफेसर चौबे ने छात्राओं की शारीरिक बनावट को लेकर अश्लील कमेंट करने के साथ अभद्रता भी की थी। इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें बचाने का प्रयास कर रहा है, यह समझ से परे हैं। ऐसा तब हो रहा है जब धरना-प्रदर्शन करने के साथ ही लिखित शिकायत की गई थी।

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क्या है छात्राओं की मांगें ?

धरने पर जमी छात्राओं की मांग है कि आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त करने के साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसके अलावा महिला हॉस्टल में 24 घंटे आवाजाही की सुविधा हो। यही नहीं कैम्पस में छात्राओं की सुरक्षा को और मजबूत बनाया जाए। इस बीच छात्राओं के आंदोलन को देखते हुए अधिकांश गर्ल्स हॉस्टल के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। छात्राओं को आवश्यक काम पड़ने पर ही बाहर जाने की इजाजत दी जा रही है।

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यूनिवर्सिटी प्रशासन की दलील

दूसरी ओर यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि प्रो0 शैल कुमार चौबे पर इन्क्वायरी कमेटी की रिकमण्डेशन के आधार पर 7 जून 2019 को हुई कार्यकारिणी परिषद की बैठक में मेजर पेनाल्टी लगायी गयी है। उन्हें अपराधी ठहराया गया है। इसके आधार पर उन्हें भविष्य में विश्वविद्यालय में कोई महत्वपूर्ण प्रशासनिक दायित्व नहीं दिया जायेगा और न ही वे कभी इस प्रकार के विद्यार्थियों से संबंधित किसी तरह की गतिविधि में शामिल सो सकेंगे। यही नही प्रो0 चौबे कभी किसी अन्य संस्थान में आवेदन भी नहीं कर पायेगे। अगर करना भी चाहेंगे तो उनका आवेदन स्वीकार नहीं होगा, क्योंकि उन पर लगायी गयी पेनाल्टी उनके सर्विस रिकार्ड में डाल दी गयी है। बावजूद इसके BHU के छात्र और छात्राएं प्रोफेसर एस के चौबे की बर्खास्तगी की मांग पर अड़े हुए हैं और लगातार दूसरे दिन भी bhu के सिंहद्वार पर धरनारत हैं।

 

 

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