Meerut News: भगवान परशुराम की जन्मभूमि जानापाव (मध्य प्रदेश) में होगा श्री परशुराम महायज्ञ: सुनील भराला

Meerut News: महायज्ञ में श्री परशुराम कुंड में स्नान, पूजा-अर्चना के साथ-साथ प्रसाद वितरण होगा, जिसमें संपूर्ण देश से लाखों की संख्या में सनातन व ब्राह्मण समाज के लोग उपस्थित रहेंगे।

Update:2023-04-10 04:39 IST
सुनील भराला ने कहा- भगवान परशुराम की जन्मभूमि जानापाव (मध्य प्रदेश) में होगा श्री परशुराम महायज्ञ-Photo- Newstrack

Meerut News: राष्ट्रीय परशुराम परिषद की एक बैठक जिले के पल्लवपुरम स्थित कैंप कार्यालय पर संपन्न हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को प्रातः 8:00 बजे से प्रातः 11 बजे तक भगवान परशुराम की जन्मभूमि जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) में प्रथम बार भगवान परशुराम महायज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है।

राष्ट्रीय शोधपीठ द्वारा काशी विश्वनाथ उत्तर प्रदेश की धरती पर भगवान परशुराम की जन्मभूमि जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) की घोषणा नवंबर 2022 में की गई थी। भारतीय सनातन में भगवान परशुराम की मान्यता भगवान विष्णु के छठवें अवतार के रूप में पाप व अन्याय को सुधारने तथा पराक्रम के प्रतीक के रूप में है। जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय महामंत्री कामेश्वर उपाध्याय, काशी विद्युत परिषद के जगतगुरु शंकराचार्य के सानिध्य में परशुराम शोध पीठ के राष्ट्रीय संयोजक केवी कृष्ण (चेन्नई) और राष्ट्रीय शोध पीठ के सह-संयोजक डॉक्टर वेदव्रत तिवारी मुख्य रूप से शामिल रहे थे।

सनातन व ब्राह्मण समाज के लोग उपस्थित रहेंगे

राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक संरक्षक व निवर्तमान अध्यक्ष/राज्यमंत्री श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश सरकार पंडित सुनील भराला ने बताया कि इतिहास में प्रथम बार भगवान परशुराम की जन्मभूमि जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) में भव्य रूप से महायज्ञ, श्री परशुराम कुंड में स्नान, पूजा-अर्चना के साथ-साथ प्रसाद वितरण होगा, जिसमें संपूर्ण देश से लाखों की संख्या में सनातन व ब्राह्मण समाज के लोग उपस्थित रहेंगे।

भराला ने बताया कि मुख्य रूप से महायज्ञ कार्यक्रम में बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री महाराज, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, साधु संतों में भगवान शंकर के बारह ज्योतिर्लिंग के महाकाल के रूप में स्थित उज्जैन के महंत विनित गिरी महाराज और महंत विनित राधेश्याम शर्मा महाराज, दर्जनों सांसद एवं विधायकगण सहित लाखों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे।

भराला ने यह भी बताया कि महायज्ञ कार्यक्रम का निमंत्रण देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी दिया गया है।

इससे पूर्व भराला ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा भगवान परशुराम के नाम पर डाक टिकट जारी करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भगवान परशुराम पर डाक टिकट जारी करना समस्त सनातन हिंदुओं के लिए गौरवान्वित करने वाला एवं सराहनीय कार्य कर भारत सरकार ने पूरे देश के सनातन हिंदुओं को एक तोहफे के रूप में दिया है।

भराला ने कहां कि इतिहास में जो भ्रांतियां भगवान परशुराम पर फैलाई गई हैं, उस मिथ्या को तोड़ने का काम राष्ट्रीय परशुराम परिषद के द्वारा किया जा रहा है, यह हर्ष का विषय है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो आस्था का केंद्र तत्कालिक समय में भगवान परशुराम की जन्मभूमि हुई थी, हम सबको वहां जाकर दर्शन करने चाहिए और भगवान परशुराम के द्वारा लोककल्याण को लेकर किए गए कार्यों का प्रचार प्रसार विस्तृत रूप से होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम सनातन हिंदुओं के भगवान थे, विशेष तौर से कुछ सामाजिक संगठनों के माध्यम से उनकी पहचान जाति के रूप में स्थापित करने का धर्म प्रचार किया है, इस प्रकार से भगवान राम भगवान श्री कृष्ण सनातन हिंदुओं के भगवान के रूप में पूजे जाते हैं उन्हें कोई जाति भेदभाव में कोई नहीं मानता लेकिन यह विषय केवल भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम पर ही ऐसा भ्रामक प्रचार करने का ये पुरातन काल के जो ऐसे तथाकथित सामाजिक संगठन थे, उनके द्वारा भगवान परशुराम के विरुद्ध भ्रामक प्रचार किया गया है, लेकिन आज उस भ्रामक प्रचार की समाप्ति करने हेतु राष्ट्रीय परशुराम परिषद के द्वारा राष्ट्रीय शोध पीठ बनाकर विगत 8 वर्षों से उसपर यह कार्य किया और उसपर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। भगवान परशुराम के अवतरण दिवस अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की जन्मभूमि जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) में मनाई जाएगी, इसके साथ-साथ अन्य स्थानों पर सनातन हिंदू सनातन योग के माध्यम से पूजन-पाठक कराया जाएगा।

भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठवें अवतार

राष्ट्रीय परशुराम परिषद सभी सनातन हिंदुओं से अनुरोध करता है कि परशुराम धर्म संस्थापक के रूप में स्थापित थे, पृथ्वी पर भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठवें अवतार के रूप में धर्म संस्थापक के रूप में स्थापना करने हेतु भेजे गए थे और मनुष्यों को विपत्ति और राक्षस से मुक्त कराने का कार्य किया था, ऐसे में भगवान परशुराम के अवतरण दिवस पर सभी घरों में दीपोत्सव के रूप में परशुराम का अवतरण दिवस धूमधाम से मनाने का कार्य राष्ट्रीय परशुराम परिषद करेगा और समस्त सामाजिक संगठनों से भी अनुरोध करते हैं कि परशुराम के अवतरण दिवस पर समस्त हिन्दू समाज और सनातन समाज दीपोत्सव करके अपने-अपने घरों में भगवान परशुराम का दीपोत्सव मनाएंगे। आगे कहा कि सभी सनातन हिंदू समाज को अपनी भूमिका निभानी चाहिए और भगवान परशुराम के अवतरण दिवस पर हर घर में दीप जलाने का भी कार्य करना चाहिए। भगवान परशुराम के अवतरण दिवस को दीपोत्सव के रूप में भी मनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि परशुराम पर उनके किए गए कार्यों को जल्द ही हिंदू ग्रंथ के रूप में परशुराम चरित्र मानस परशुराम आया ना ऐसे अन्य ग्रंथों का पठन-पाठन में लाया जाएगा जिससे उनके जीवन काल में जो भ्रामक प्रचार है उन को समाप्त किया जा सके।

बैठक में परशुराम स्वाभिमान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय भारद्वाज, राष्ट्रीय परशुराम के संयोजक विनय शर्मा, आईटी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक अनुज शर्मा, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के प्रदेश अध्यक्ष संजय मिश्रा, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष मेरठ प्रांत पुनीत वशिष्ठ, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के प्रदेश संयोजक कृष्ण अवस्थी, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष सचिन कौशिक, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष बाबूराम शर्मा, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के मेरठ जिला अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा, मेरठ महानगर अध्यक्ष राष्ट्रीय परशुराम परिषद लक्ष्मण शर्मा आदि मुख्य रुप से मौजूद रहें।

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