मस्जिद के लिए जमीन लेने से पहले जगह का मौका-मुआयना करेगा सुन्नी वक्फ बोर्ड

अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए जमीन लेने पर फैसला करने से पहले यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सरकार की ओर से दी जा रही जमीन का मौका मुआयना करेगा।

Update: 2020-02-05 15:41 GMT

लखनऊ। अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए जमीन लेने पर फैसला करने से पहले यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सरकार की ओर से दी जा रही जमीन का मौका मुआयना करेगा।

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इसके अलावा आगामी 24 फरवरी को वक्फ बोर्ड की एक बैठक बुलाई गई है, जिसमे बोर्ड के आठ सदस्य इस फैसले पर विचार करेंगे और बहुमत के आधार पर फैसला करेंगे कि मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन लेनी चाहिए या नहीं ।

मीडिया के जरिए इसकी जानकारी हुई

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैयद मोहम्मद शोएब ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने की जानकारी बतायी है। मीडिया के जरिए इसकी जानकारी हुई।

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साथ ही यह भी पता चला है कि प्रदेश सरकार यह जमीन अयोध्या जिला मुख्यालय से 18 किमी. दूर रौनाही में दे रही है। उन्होंने कहा कि यह जमीन लेनी है या नहीं इसका फैसला 24 फरवरी को बोर्ड की बैठक में ही होगा।

आठ में से सात सदस्यों ने इस फैसले का स्वागत किया था

शोएब ने बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, तभी बोर्ड बैठक में आठ में से सात सदस्यों ने इस फैसले का स्वागत किया था। अभी जब जमीन लेने की बात हो रही है तो फिर से बोर्ड बैठक होगी।

अगर इस बैठक में भी बोर्ड के मेम्बरों में पिछली मर्तबा की तरह एक राय कायम हुई तो पांच एकड़ जमीन ले ली जायेगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड की इस बैठक से पहले उप्र. सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड जमीन कहां मिल रही है और किस स्थिति में हैं, इसकी जांच पड़ताल करेगा।

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उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से मस्जिद के लिए दी जाने वाली जमीन हमें ही मिलेगी। इसलिए इस सम्बन्ध में फैसला फैसला बोर्ड की बैठक में ही लेना सही होगा।

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