UP: अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के मददगारों पर योगी सरकार का एक्शन, बरेली-बांदा और नैनी जेल के अधीक्षक सस्पेंड

UP News : माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के मददगार माने जाने वाले यूपी के तीन जेलों के अधीक्षकों पर कार्रवाई हुई है। बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला पर गंभीर आरोप हैं। उन्होंने अशरफ की गैर कानूनी तरीके से साथियों से मुलाकात करवाने में मदद की थी। जिसके चलते योगी सरकार ने जेल अधीक्षक पर कार्रवाई की है।

Update:2023-04-04 21:54 IST
अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी (Social Media)

UP News : यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार माफिया और बाहुबलियों पर नकेल कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। इसकी एक बानगी मंगलवार (04 अप्रैल) को बरेली (Bareilly), बांदा (Banda) और प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल (Naini Central Jail) के जेल अधीक्षकों के निलंबन के रूप में देखने को मिली। बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने माफिया अतीक अहमद के भाई और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अशरफ की उसके गुर्गों से गैर कानूनी तरीके से मुलाकात करवाई थी। इसी वजह से उन पर कार्रवाई की गई है। मुख्तार अंसारी पर शिंकजा कसने में भी लापरवाही के आरोप हैं।

इतना है नहीं, बांदा और नैनी जेल में भी इसी तरह की लापरवाही सामने आई। योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार कहती रही है वो अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। इसी के तहत अपराधियों को मदद करने वाले खाकी धारियों को भी बख्शा नहीं जा रहा। बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम तथा नैनी जेल के अधीक्षक शशिकांत को भी सस्पेंड किया गया है।

अतीक के बेटे और मुख़्तार पर शिकंजा कसने में लापरवाही

इसी तरह प्रयागराज के नैनी जेल में बंद अतीक अहमद के बेटे अली और बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर शिकंजा कसने के मामले में लापरवाही बरतने पर वरिष्ठ जेल अधीक्षकों पर सरकार का एक्शन हुआ है।

अतीक और उनके गुर्गों के थे 'खास'

माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। नैनी जेल में शिफ्ट किए जाने से पहले ही 17 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया था। इन सभी पुलिसवालों को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजा गया है। इन सभी पर शक था कि ये पुलिसवाले अतीक अहमद और उनके गुर्गों के बेहद खास रहे हैं।

15 अप्रैल को कृष्णानंद राय हत्याकांड पर आएगा फैसला

गौरतलब है कि, साल 2005 में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इस मामले में 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी (Afzal Ansari), उनके भाई और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) तथा बहनोई एजाजुल हक पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में मुख्तार अंसारी पर 15 अप्रैल को फैसला आना है।

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