सुप्रीम कोर्ट का आदेश: हाथरस कांड जांच की निगरानी करे इलाहाबाद हाईकोर्ट

हाथरस कांड को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों की ओर से एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है जिस पर बृहस्पतविार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की।

Update:2020-10-15 17:33 IST
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: हाथरस कांड जांच की निगरानी करे इलाहाबाद हाईकोर्ट (Photo by social media)

नई दिल्ली: हाथरस गैंगरेप कांड का ट्रायल दूसरे राज्य में कराए जाने संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच निगरानी का जिम्मा हाईकोर्ट इलाहाबाद को सौंप दिया है। याचिकाकर्ताओं की उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष ट्रायल न होने की आशंका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि कोई समस्या होगी तो सुप्रीम कोर्ट मौजूद है।

ये भी पढ़ें:बलिया: बीजेपी नेता धीरेंद्र सिंह ने SDM और CO के सामने युवक की गोली मारकर हत्या, मौके से फरार

सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों की ओर से एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है

हाथरस कांड को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों की ओर से एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है जिस पर बृहस्पतविार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट को बता दिया था कि पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है और इस जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट से कराए जाने पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। योगी सरकार के रुख को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी लचीलापन दिखाया।

hathras-case (Photo by social media)

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पूरे मामले की जांच निगरानी हाईकोर्ट इलाहाबाद से कराई जा सकती है। उन्हें यह काम करने देना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आशंका व्यक्त की है कि जिस तरह से पूरे मामले में सरकारी मशीनरी की भूमिका रही है ऐसे में उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष ट्रायल संभव नहीं है। जांच की निगरानी भी वहां नहीं दी जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि हमें पूरी दुनिया की सहायता नहीं चाहिए। उच्च न्यायालय को इससे निपटने देना चाहिए। अगर कोई समस्या है तो उसके लिए हम यहां बैठे हैं।

ये भी पढ़ें:Handwashing Day: आप हाथ धोइए बीमारी से, किस्मत चमकी इनकी

सरकार का विरोध कर रहे अधिवक्ताओं ने कोर्ट में कहा कि किसी भी मामले में पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं किया जाता है और उसके परिवार के सदस्यों, गवाहों की पूरी सुरक्षा की जाती है लेकिन ऐसा हाथरस में नहीं हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता और वकील इंदिरा जयसिंह ने हाथरस केस को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थानांतरित करने की मांग उठाई। अदालत में सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता रहे जबकि हरीश साल्वे, इंदिरा जयसिंह और सिद्धार्थ लूथरा जैसे वकील भी सुनवाई के लिए मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हाथरस पीड़ितों को दी जा रही सुरक्षा की भी जानकारी दी गई।

अखिलेश तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News