गायत्री प्रजापति की बढ़ीं मुश्किलें: SC ने अंतरिम जमानत पर लगाई रोक, हैं ये आरोप
उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने गायत्री को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत पर रोक लगा दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने गायत्री को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत पर रोक लगा दी है। इससे पहले बीती 04 सितंबर को गायत्री प्रजापति को स्वास्थ्य कारणों से इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सशर्त दो माह की अंतरिम जमानत दी थी।
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी थी दो महीने की अंतरिम जमानत
गायत्री प्रजापति ने अपनी जमानत प्रार्थनापत्र में हद्यरोग और संक्रमण आदि की परेशानी बतायी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति वेदप्रकाश वैश्य ने उन्हे दो माह की सशर्त अंतरिम जमानत दी थी। लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में दर्ज रेप के मुकदमे में मिले जमानत आदेश में न्यायालय ने कहा था कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान गायत्री प्रजापति द्वारा किसी भी तरह से पीड़ित परिवार को न डराया जाएगा न ही धमकाया जाएगा।
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इन आरोपों में किया गया है गिरफ्तार
हालांकि बीती 11 सितंबर की रात में लखनऊ के गाजीपुर थाने की पुलिस ने गायत्री प्रजापति को धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकी देने के मामलें में फिर गिरफ्तार कर लिया था और इसके बाद न्यायालय में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मौजूदा समय में गायत्री राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल कालेज में भर्ती है।
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चित्रकूट की महिला ने लगाया था रेप का आरोप
बता दे कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर चित्रकूट की एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने गायत्री व उनके साथियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया था और गायत्री ने 15 मार्च 2017 को सरेंडर कर दिया था।
इस प्रकरण में 03 जून 2017 को गायत्री के अलावा छह अन्य पर चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसके बाद 18 जुलाई, 2017 को लखनऊ की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने सातों आरोपियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद बीते करीब साढे़ तीन साल की गिरफ्तारी के बाद गायत्री को पहली बार जमानत मिली थी।
रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव
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