Abdullah Azam: अब्दुल्ला आजम की सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, अब 24 अप्रैली की मिली नई तारीख

Abdullah Azam: सपा नेता ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। ऐसे में आज का दिन अब्दुल्ला आजम के लिए काफी अहम है।

Update:2023-04-21 17:42 IST
Abdullah Azam (photo: social media )

Abdullah Azam: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम अपनी विधायकी बचाने सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं। पिछली बार शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया। इस मामले में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।

सपा नेता ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। ऐसे में आज का दिन अब्दुल्ला आजम के लिए काफी अहम है। अगर शीर्ष अदालत हाईकोर्ट के आदेश को पलट देता है तो उनकी विधायकी फिर से बहाल हो जाएगी। अन्यथा उन्हें अपने पिता की तरह चुनाव लड़ने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

क्यों रद्द हुई थी विधायकी ?

मुरादाबाद की स्पेशल कोर्ट ने फरवरी 2023 में सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को 15 साल पुराने एक मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। अब्दुल्ला आजम तब रामपुर की स्वार सीट से सपा के विधायक थे। इस फैसले के बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के कारण उनकी विधायकी चली गई थी। यूपी विधानसभा सचिवालय ने भी उनकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया था।

पिता-पुत्र दोनों विधानसभा से हैं बाहर

अब्दुल्ला आजम के पिता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान इस सजा के ऐलान से पहले हेट स्पीच में दोषी पाए जाने के कारण अपनी विधायकी गंवा चुके थे। उनकी सीट रामपुर में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने धमाकेदार जीत हासिल की थी। आजम ने जेल में रहते हुए यहां से साल 2022 में विधानसभा का चुनाव जीता था। विधायक बने रहने के लिए उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी ने रामपुर लोकसभा सीट भी उपचुनाव में सपा से छिन ली थी।

दो बार विधायकी गंवाने वाले अब्दुल्ला आजम

सपा के कद्दावर मुस्लिम नेता आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम संभवतः पहले ऐसे राजनेता हैं, जो लगातार दो बार अपनी विधायकी गंवा चुके हैं। अब्दुल्ला पहली बार 2017 में सपा के टिकट पर स्वार सीट से विधायक बने थे। लेकिन उनपर फेक बर्थ सर्टिफिकेट पर चुनाव लड़ने का आरोप लगा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस मामले में उन्हें दोषी पाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी।

2022 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने एकबार फिर रामपुर की स्वार सीट से जीत हासिल की। लेकिन महज एक साल के अंदर 15 साल पुराने मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद दूसरी बार उनकी विधानसभा सदस्यता छिन चुकी है। जिसे बचाने के लिए वो फिलहाल शीर्ष अदालत की शरण में हैं।

स्वार में बज चुका चुनावी बिगुल

अब्दुल्ला आजम की सीट स्वार में चुनावी बिगुल बज चुका है। यहां 10 मई को मतदान और 13 मई को नतीजे आएंगे। सत्तारूढ़ बीजेपी-अपना दल (सोनेलाला) गठबंधन ने शफीक अहमद अंसारी को टिकट दिया है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने अनुराधा चौहान को टिकट दिया है। बीते कल यानी 20 अप्रैल को दोनों उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। कल नामांकन की आखिरी तारीख भी थी। ऐसे में क्या बीजेपी आजम खान के गढ़ में एक और सेंध लगा पाएगी, देखऩा दिलचस्प होगा।

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