Lucknow New Mayor: सुषमा खर्कवाल बनीं लखनऊ की नई मेयर, कभी नहीं मानी थी कोश्यारी की बात...यूं ही नहीं मिली बुलंदी

Sushma Kharkwal New Mayor of Lucknow: यूपी के निकाय चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। लखनऊ मेयर सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर अपना कब्जा जमाया। सुषमा खर्कवाल लखनऊ की नई मेयर बनी हैं।

Update:2023-05-14 01:14 IST
सुषमा खर्कवाल (Social Media)

Sushma Kharkwal New Mayor of Lucknow: यूपी में निकाय चुनाव की मतगणना के बाद बीजेपी को अप्रत्याशित जीत हासिल हुई है। बीजेपी ने सभी 17 नगर निगम सीटों पर जीत की इबारत लिखी। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ढाई दशक का रिकॉर्ड विपक्ष नहीं तोड़ पायी। सुषमा खर्कवाल (Sushma Kharwal) ने लखनऊ से मेयर का चुनाव जीत लिया। बीजेपी प्रत्याशी खर्कवाल ने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार वंदना मिश्रा (SP Candidate Vandana Mishra) को 60 हजार से भी अधिक मतों से हराया।

सुषमा खर्कवाल भारी मतों से जीत दर्ज कर नवाबी नगरी की मेयर चुनी गईं हैं। सुषमा खर्कवाल का नाम यूपी के लोगों के लिए भले नया हो सकता है, लेकिन वह बीजेपी संगठन में पिछले 3 दशक से काम कर रही हैं। सुषमा यूपी अवध क्षेत्र महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

मेहनत के दम पर बनाई खास पहचान

बता दें, बीजेपी नेत्री सुषमा खर्कवाल को राजनीति विरासत में नहीं मिली थी। लेकिन, उन्होंने अपने संघर्ष, मेहनत के दम पर न सिर्फ राजनीति में अपनी पहचान बनाई, आज इस मुकाम को भी हासिल किया जिसके लिए लोग तरसते हैं। उनकी बड़ी जीत में प्रदेश की बीजेपी सरकार के कामकाज के साथ-साथ सुषमा की साफ छवि का भी हाथ रहा। उनकी गिनती बीजेपी की समर्पित कार्यकर्ताओं में रही है। उन्होंने छोटे-बड़े कई पदों पर काम किया। विपरीत परिस्थितियों में भी कभी हिम्मत नहीं हारी।

सुषमा की उम्मीदवारी के पीछे बीजेपी के दो तर्क

भारतीय जनता पार्टी ने जब लखनऊ के मेयर के लिए चेहरे की तलाश शुरू की, सुषमा खर्कवाल भी टिकट के लिए दावेदारी पेश करती नजर आईं। उन्हें जानने वाले बताते हैं कि, खर्कवाल को भी इस बात का भरोसा नहीं था बीजेपी जैसा बड़ा संगठन प्रदेश कार्यसमिति के एक सदस्य को इतनी बड़े पद पर चुनावी मैदान में उतारेगा। बिलकुल बीजेपी ने बड़ा दांव जरूर खेला। उसे सफलता भी मिली। दरअसल, भाजपा सुषमा खर्कवाल (Lucknow Mayor Sushma Kharkwal) को चुनाव लड़ाने के पीछे दो तरीके से अपना फायदा देख रही थी। एक तो वो पूर्व सैनिक की पत्नी हैं और दूसरा ब्राहृमण भी हैं। ये दोनों समीकरण बीजेपी के लिए मुफीद थे।

..तब नहीं मानी थी कोश्यारी की बात

सुषमा खर्कवाल के पति सेना में थे। उनके दो बच्चे हैं। दो बच्चों को पालते हुए भी उन्होंने राजनीति को तवज्जो दी। 35 वर्षों से उनका और बीजेपी का साथ है। सुषमा खर्कवाल ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई उत्तराखंड से की है। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा मयंक फिलिप्स कंपनी में वरिष्ठ पद पर है। जबकि छोटा बेटा मनीष भी इंजीनियर है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया था कि, जब उत्तराखंड का बंटवारा हुआ था तब बीजेपी के वरिष्ठ नेता भगत सिंह कोश्यारी ने उनसे उत्तराखंड चलने को कहा था, मगर वो नहीं गईं। खर्कवाल के पति सेना में हवलदार पद से रिटायर हुए थे, बाद में विधानसभा में सहायक मार्शल के पद पर रहे। वो अब वहां से भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

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