Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस की चौपाइयां संशोधित हो, स्वामी प्रसाद मौर्य ने दोहराई मांग

Ramcharitmanas Controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य ने एकबार फिर रामचरितमानस की उन चौपाइयों को हटाने की मांग की है, जिसमें कथित तौर पर पिछड़ों, दलितों,आदिवासियों एवं महिलाओं का अपमान किया गया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-02-08 05:27 GMT

Swami Prasad Maurya photo: social media 

Ramcharitmanas Controversy: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य पवित्र धर्मग्रंथ रामचरितमानस को लेकर मुखर बने हुए हैं। मौर्य ने एकबार फिर रामचरितमानस की उन चौपाइयों को हटाने की मांग की है, जिसमें कथित तौर पर पिछड़ों, दलितों,आदिवासियों एवं महिलाओं का अपमान किया गया है। सपा नेता ने उनलोगों पर निशाना साधा है, जो उनपर भगवान श्रीराम और हिंदू धर्म का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं। 

विवादित रूख पर कायम स्वामी प्रसाद

रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य अपने रूख पर कायम हैं। उनके खिलाफ कई थानों में मुकदमा दर्ज हो चुका है। बुधवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री ने ट्वीट कर कथित विवादित चौपाइयों को प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर हो रहे बवाल पर विरोधियों पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, मानस की आपत्तिजनक कुछ चौपाइयों को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही लोग महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के 97% आबादी के सम्मान के विरोधी हैं।

रामचरितमानस की प्रतिया जलाने वालों पर लग चुकी है रासुका

पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में रामचरितमानस विवाद के मुद्दे पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में प्रदर्शन करने के दौरान पवित्र धर्मग्रंथ की प्रतियां जलाने वालों पर सख्त एक्शन लिया गया है। राज्य सरकार ने दो आरोपियों सलीन हसन और सत्येंद्र कुशवाहा के विरूद्ध रासुका के तहत कार्रवाई की है। इसके अलावा पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने ?

वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई लोग रामचरितमानस नहीं पढ़ते हैं। इसमें लिखी बातें बकवास है। तुलसीदास ने अपने मनोरंजन के लिए इसकी रचना की थी। इसमें पिछड़े, दलित, आदिवासी और महिलाओं का अपमान किया गया है। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से विवादित अंशों को बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।

बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बयान पर शुरू हुआ विवाद पूरी तरीके से ठंडा भी नहीं हुआ था कि मौर्य ने इसे फिर से गरमा दिया। मौर्य के बयान पर यूपी में अब शूद्र पॉलिटिक्स चरम पर है। स्वामी प्रसाद मौर्य को सियासी तौर पर इस विवाद का फायदा हुआ और पार्टी में उनका कद बढ़ गया। अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव और आजम खान की तरह मौर्य को भी सपा का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया। 

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