तो क्या यूपी में भी खुलेआम बिक रहा सिंथेटिक चावल, छापेमारी टीम को देख भड़के व्यापारी
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में सिंथेटिक चावल बेचे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चावल के सेवन से बीमार हुए एक शख्स ने इसकी शिकायत डीएम की।
बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में सिंथेटिक चावल बेचे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चावल के सेवन से बीमार हुए एक शख्स ने इसकी शिकायत डीएम की। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएम ने खाद्य सुरक्षा टीम को संबंधित दुकान पर छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तराखंड में भी सिंथेटिक चावल बिकने की खबरें आई थीं। जिसके बाद उत्तराखंड में कई जगहों पर प्रशासन द्वारा छापेमारी की गई थी।
डीएम के आदेश पर पीड़ित युवक की निशानदेही पर सिंथेटिक चावल बेचे जाने वाली भगवतीगंज बाजार स्थित दुकान पर छापेमारी की गई और सैंपलिंग शुरू कर दी। इसी दौरान दर्जनों की संख्या में व्यापारी इकठ्ठा हो गए और व्यापारी नेता ताराचंद्र अग्रवाल ने छापा मारने आई टीम के साथ अभद्रता करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया।
आनन-फानन में खाद्य सुरक्षा टीम को सैंपलिंग का सामान लेकर वहां से जैसे-तैसे निकलना पड़ा। बड़ी बात यह है कि जब यह सब कुछ हो रहा था तो कोतवाली नगर की पुलिस मूकदर्शक बनी वहीं खड़ी हुई थी।
क्या है मामला ?
मामला कोतवाली नगर के भगवतीगंज बाजार का है। जहां शंकर लाल प्रोविजन स्टोर नामक दुकान से सुशील मिश्रा निवासी पुराबटोला ने 25 किलो चावल "माखन भोग" खरीदा था। जिसके 10 दिन के सेवन के बाद वह बीमार हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
3 दिन बाद जब वह अस्पताल से वापस घर आया तो "तमाम चैनलों पर चल रही असली और नकली चावल पहचान करने की खबर" को देख कर उसे भी शंका हुई और उसने घर में बने चावल को चेक करने के लिए चावल के गोले बनाएं और उसे जमीन पर पटक कर देखने लगा।
वह गोले चावल के थे लेकिन किसी गेंद से कम नहीं वह रबर की तरह उछल रहे थे। एक भी चावल उसमे अलग नहीं हो रहा था। जिसके बाद सुशील ने डीएम कार्यालय में उपस्थित होकर शिकायत दर्ज कराई।
डीएम ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए खाद्य सुरक्षा की टीम को तत्काल मौके पर जाकर संबंधित दुकान पर छापामारी करने और सिंथेटिक चावल के मुख्य स्रोत तक पहुंचकर कर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
क्या कहा डीएम ने ?
पूरे मामले पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील कुमार मिश्रा ने बताया कि सैंपलिंग कर ली गई है। सैंपल लैब में टेस्टिंग के लिए भेजे जाएंगे। जिसकी रिपोर्ट करीब 40 दिन बाद आएगी। रिपोर्ट में सिंथेटिक चावल होने की पुष्टि यदि होती है तो संबंधित दुकानदार के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा।
इस पूरे मामले पर डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि सिंथेटिक चावल बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में खाद्य सुरक्षा टीम को कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया गया है। टीम द्वारा उसकी सैंपलिंग कर जांच के लिए भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद टीम द्वारा उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।