शिक्षिका ने अधिकारियों को भेंट किए कोरोना पोस्टर, वायरस से बचाव के बताए उपाय
कोरोना की इस वैश्विक महामारी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान की समन्वयक डॉ श्वेता पांडे के मार्गदर्शन में कलात्मक गतिविधियों के माध्यम से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है।
झांसी: कोरोना की इस वैश्विक महामारी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान की समन्वयक डॉ श्वेता पांडे के मार्गदर्शन में कलात्मक गतिविधियों के माध्यम से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में संस्थान की शिक्षिका आरती वर्मा द्वारा गोंड शैली में कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने वाले पोस्टर जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को भेंट किए गए।
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महत्वपूर्ण होती है कला की भूमिका
आरती वर्मा अपने चित्रों के माध्यम से निरंतर कोरोना महामारी के विभिन्न पहलुओं को चित्रित कर लोगों को जागरूक कर रही हैं। उन्होंने मंडलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा, जिलाधिकारी आंद्रा वामसी एवं जनपद न्यायाधीश अवनीश सक्सेना को कोरोना पोस्टर भेंट किए। इन पोस्टरों में कोविड19 से बचाव के संदेश बहुत ही सुंदर तरीके से दिए गए हैं। शिक्षिका आरती वर्मा ने बताया कि संकट की इस घड़ी में कला की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
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संस्थान द्वारा तैयार कलाकृतियों के माध्यम से शासन- प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है। आरती ने बताया की इन चित्रों का उपयोग वह पंपलेट के तौर पर प्रिंट करा कर अखबारों के माध्यम से लोगों के घर-घर तक पहुंचाएगी जिससे इस महामारी से बचाव के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सके। इन पोस्टरों, पंपलेट की डिजाइन इतनी कलात्मक है कि यह सहसा ही अपनी ओर लोगों को आकर्षित करते हैं। डिजिटल माध्यम में भी लोग इन्हें खूब पसंद कर रहे हैं और एक- दूसरे को शेयर भी कर रहे है।
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प्रकृति के साथ खिलवाड़ बंद करें
लॉकडाउन के दौरान भी आरती वर्मा ने कई चित्र बनाए हैं। एक चित्रकार की सूक्ष्म दृष्टि से उन्होंने त्रासदी का आंकलन किया और उसके बचाव के तरीकों पर मंथन कर उसे अपने चित्रों में उकेरा। इन चित्रों के माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया गया कि वे प्रकृति के साथ खिलवाड़ बंद करें। प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन, प्रकृति की उपेक्षा सम्पूर्ण मानव जाति के अस्तित्व को खतरे में डाल सकती है। आज एक सूक्ष्म वायरस के आगे हमारे सभी विकसित संसाधन असहाय नजर आ रहे हैं।
रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा
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