Saharanpur News: पहाड़ियों की तलहटी में बसा है मां जगदंबा का सौम्य अवतार, दर्शन से होती है मनोकामना पूरी

Saharanpur News: प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य पहाड़ियों की तलहटी में सिद्ध पीठ मां शाकंभरी देवी का मंदिर बसा है। सहारनपुर जनपद के थाना मिर्जापुर क्षेत्र में स्थित मां शाकंभरी देवी आदिशक्ति जगदंबा का सौम्या अवतार हैं।

Update:2023-03-23 04:12 IST
सहारनपुर: मंदिर में दर्शन करने आये श्रद्धालु

Saharanpur News: प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य पहाड़ियों की तलहटी में सिद्ध पीठ मां शाकंभरी देवी का मंदिर बसा है। सहारनपुर जनपद के थाना मिर्जापुर क्षेत्र में स्थित मां शाकंभरी देवी आदिशक्ति जगदंबा का सौम्या अवतार हैं। मान्यता है कि इनके दर्शन-पूजन से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इन्हें चारभुजा और कहीं अष्ट भुजाओं के रूप में दर्शाया गया है। इनका सबसे बड़ा और सबसे प्राचीन सिद्ध पीठ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में है। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। शाकंभरी देवी का स्वरूप सर्वाधिक करवा और ममतामई मां का है। शाकंभरी देवी में मां शाकंभरी अपने भीमा, भ्रामरी, शताक्षी और मां शाकंभरी के रूप में यहां विराजित हैं।

51 शक्तिपीठों में हैं शामिल

शिवालिक पर्वतमाला पर विराजमान मां शाकंभरी देवी की गणना प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में होती है। मुख्य प्रतिमा के अलावा भीमा, भ्रामरी, भाई और शताक्षी देवी की प्राचीन प्रतिमाएं यहां विराजमान हैं। यहां प्रसाद में हलवा पूरी और शुद्ध शाकाहारी भोजन का भोग लगता है। चैत्र नवरात्र में यहां पर मां शाकंभरी देवी का मेला प्रारंभ हो जाता है। माना जाता है कि मां शाकंभरी देवी का ही नवां दर्शन होता है। इनके पूजन से धनधान्य अक्षय फल की प्राप्ति होती है। मां शाकंभरी देवी सहारनपुर की अधिष्ठात्री देवी हैं। मां के दर्शन से पहले यहां भैरव देव के दर्शन करने की परंपरा है।

माना जाता है कि जब तक भैरव देव के दर्शन नहीं करते तो मां के दर्शन भी नहीं मिलते। शिवालिक घाटी नवरात्रों में मां के जयकारों की गूंज सी रहती है। मान्यता है कि मां शाकंभरी के दर्शन करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

माना जाता है कि जब देवी ने जब देखा कि भक्त रो रहा है तो द्रवित होकर उनके पूरे शरीर पर सहस्त्र नेत्र उभर आए। उनके नेत्रों से अश्रु बहने लगे और उसी से पृथ्वी पर जल की उत्पत्ति हुई। केवल जल से ही पेट नहीं भरा जाता, ऐसे में फिर यहां शाकंभरी मां के रूप में देवी प्रकट हुईं और शाक फल का आशीर्वाद दिया जिससे पृथ्वी हरियाली से भर उठी।

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