रहस्यमयी मंदिर: यहां जो गया हो गई उसकी मौत, जानें पूरा सच

देश और दुनिया में रहस्य और आश्चर्य की कमी नहीं हैं। ये रहस्य ऐसे है कि इनके आगे विज्ञान भी फेल है। जिन्हें जान पाना कोई आसान काम नहीं हैं। इस धरती पर कई ऐसी जगहें हैं जो हैरान करने वाली हैं। ऐसी ही एक जगह हैं तुर्की  में है।  यहां के प्राचीन शहर हेरापोलिस में स्थित पुराना मंदिर है

Update: 2020-08-06 17:11 GMT
तुर्की का पुराना मंदिर नर्क का द्वार

जयपुर: देश और दुनिया में रहस्य और आश्चर्य की कमी नहीं हैं। ये रहस्य ऐसे है कि इनके आगे विज्ञान भी फेल है। जिन्हें जान पाना कोई आसान काम नहीं हैं। इस धरती पर कई ऐसी जगहें हैं जो हैरान करने वाली हैं। ऐसी ही एक जगह हैं तुर्की में है। यहां के प्राचीन शहर हेरापोलिस में स्थित पुराना मंदिर है जिसे लोग नर्क का द्वार कहते हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि इस मंदिर के संपर्क में आते ही इंसान हो या जानवर वो मौत का शिकार हो जाता हैं। इस मंदिर के अंदर जाना तो दूर, आसपास भी जाने वाले लोग कभी लौटकर वापस नहीं आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के संपर्क में आते ही इंसान से लेकर पशु-पक्षी तक मर जाते हैं।

 

 

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मौत की सौगात'नर्क का द्वार'

कई सालों तक हेरापोलिस में स्थित यह जगह रहस्यमय बनी हुई थी। क्योंकि लोगों का ऐसा मानना था कि यूनानी देवता की जहरीली सांसों की वजह से यहां आने वालों की मौत होती है। लगातार हो रही मौतों के वजह से इस मंदिर को लोगों ने 'नर्क का द्वार' नाम दे दिया।

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वैज्ञानिकों ने उठाया पर्दा

ऐसा भी कहा जाता है कि ग्रीक, रोमन काल में भी लोग मौत के डर की वजह से यहां जाने से डरते थे। हालांकि, वैज्ञानिकों ने लगातार हो रही मौत की गुत्थी सुलझा ली है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस मंदिर के नीचे से लगातार जहरीली कार्बन डाई ऑक्साइड गैस बाहर निकल रही है, जिसके संपर्क में आते ही इंसानों और पशु-पक्षियों की मौत हो जाती है।

 

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शोध में यह बात सामने

एक शोध में यह बात सामने आई कि मंदिर के नीचे बनी गुफा में बहुत बड़ी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस है। बता दें कि मात्र 10 फीसदी कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस किसी भी इंसान को 30 मिनट के अंदर मौत की नींद सुला सकती है। वहीं, इस मंदिर के गुफा में कार्बन डाई ऑक्साइड जैसे जहरीली गैस की मात्रा 91 फीसदी है।

इस मंदिर के अंदर से निकल रही जहरीली गैस की वजह से यहां आने वाले कीड़े-मकोड़े और पशु-पक्षी मारे जाते हैं। ये जगह पूरी तरह से वाष्प से भरी होने की वजह से काफी धुंधली और घनी है, जिसकी वजह से यहां जमीन भी मुश्किल से ही दिखाई देती है।

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