Sonbhadra News: गैरजनपद के बाशिंदों को सोनभद्र निवासी बनाने का बड़ा खेल, पहले खरीदवा रहे पट्टे की जमीन, फिर बना दिया जा रहा निवासी
Sonbhadra News: गैर प्रांत और गैर जनपदों के लोगों को सोनभद्र में भूमिहीनों, आदिवासियों तथा अनुसूचित वर्ग की की जमीनें खरीदवाकर, उन्हें यहां का बाशिंदा बनाया जा रहा है।;
Sonbhadra News: गैर प्रांत और गैर जनपदों के लोगों को सोनभद्र में भूमिहीनों, आदिवासियों तथा अनुसूचित वर्ग की की जमीनें खरीदवाकर, उन्हें यहां का बाशिंदा बनाने का एक बड़ा खेल सामने आया है। मऊ जनपद निवासी, एक व्यक्ति को राबटर्सगंज तहसील क्षेत्र में पट्टे की जमीन खरीदवाने और उसके चंद दिन बाद ही उसे सोनभद्र निवासी होने की रिपोर्ट देकर, तहसील से निवास प्रमाण पत्र (Address proof) भी जारी करवा दिया गया है।
वाकए की जानकारी होने के बाद, संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान की तरफ से उपजिलाधिकारी राबटर्सगंज के यहां इसको लेकर जताई गई आपत्ति के बाद हड़कंप मच गया है। इसके बाद जहां मामले को मैनेज करने की कोशिश हो गई है। वहीं जिला मुख्यालय क्षेत्र से लेकर खनन क्षेत्र और दक्षिणांचल के एक बड़े हिस्से में इस तरह का खेल खेले जाने की चर्चा ने एक बार फिर से जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।
इस तरह सामने आया घटनाक्रम, यहां आकर खुली पोल
बहुआर ग्राम पंचायत के प्रधान प्रतिनिधि ने उपजिलाधिकारी राबटर्सगंज के यहां प्रार्थना पत्र दिया कि उनकी ग्राम पंचायत में पट्टेदारों की जमीन को अवैध ढंग से कुछ लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है। जो पट्टेदार अपने पट्टे की जमीन पर काबिज नहीं हैं। वह अपनी जमीन विक्रय कर दे रहे हैं और क्रेता द्वारा अवैध तरीका अपनाकर उसे कब्जा किया जा रहा है। इस प्रार्थनापत्र के साथ ही एसडीएम को यह भी जानकारी दी कि बगैर प्रधान की जानकारी, बगैर प्रधान द्वारा कोई लिखित कागजात दिए ही, पट्टे के जमीन के क्रेताओं का निवास प्रमाण पत्र जारी करा दिया जा रहा है। ऐसे प्रकरण से जुड़े एक नाम की भी जानकारी एसडीएम को उपलब्ध कराई गई।
बैनामे और दाखिल खारिज में मऊ का ही पता किया गया है अंकित
संज्ञान में मामला आने पर, जब इसकी सच्चाई जांची गई तो पता चला कि बहुआर ग्राम पंचायत में संबंधित व्यक्ति द्वारा बहुआर ग्राम पंचायत में पट्टे की जो जमीन खरीदी गई, उसका दाखिल खारिज अभी महज सप्ताह भर पूर्व 13 जून को हुआ है। जब इस आदेश का आनलाइन रिकार्ड खंगाला गया तो पता चला कि बैनामा और दाखिल खारिज में क्रेता का जो पता अंकित है, वह मऊ जिले का है। हैरत में डालने वाली बात यह है कि मऊ निवासी व्यक्ति को सोनभद्र का निवासी होने की रिपोर्ट लेखपाल की तरफ से दाखिल खारिज के एक महीने पहले यानी 11 मई को ही दे दी गई और 12 मई को निवास प्रमाण पत्र भी जारी हो गया। जिस जमीन का बैनामा हुआ है, उस पर कब्जा दूसरे का बताया जा रहा है।
बैनामा वाले जमीन को कब्जे में लेने की कोशिश
आरोप लगाया जा रहा है कि वहां काबिज दूसरे भूमिहीन व्यक्ति को हटाकर, बैनामा वाले जमीन को कब्जे में लेने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि सामान्य निवास के लिए भी व्यक्ति को लगातार तीन वर्ष से संबंधित जनपद का निवासी होने की बात प्रमाणित करनी पड़ती है लेकिन यहां तो प्रधान द्वारा ही इससे अनभिज्ञता जता दी गई है।
उधर, इस बारे में क्षेत्रीय लेखपाल उमाशंकर से सेलफोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि किसी ने उनकी साइट हैक कर मऊ निवासी व्यक्ति को सोनभद्र निवासी होने की गलत रिपोर्ट लगा दी। उसको निरस्त करवाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उधर, इस बारे में एसडीएम राजेश कुमार सिंह से उनके सीयूजी नंबर पर संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन नेटवर्क से बाहर होने का उत्तर मिलता रहा।