UP News: गैंगस्टर विकास दुबे के 21 मुकदमों की फाइल गायब, आयोग ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के दिए आदेश
विकास दुबे पर दर्ज 65 में से 21 मुकदमों की फाइलें गायब हैं, आयोग ने रिपोर्ट में संबंधित अधिकारियों के उपर कार्रवाई करने का आदेश दिया..
UP News: उत्तर प्रदेश के सबसे कुख्यात अपराधी में से एक विकास दुबे का इनकाउंटर लगभग छह माह पहले उज्जैन से लाते वक्त हो गया था। लेकिन विकास दुबे का क्रिमिनल फाइल का जांच होना बाकी रह गया था, जिसकी जांच आयोग के द्वारा कि जा रही थी। इस दौरान सबसे चौंकाने वाली खबर ये आ रही है कि विकास दुबे के क्रिमिनल से संबंधित कई फाइलें गायब हो गई है। जिसकों लेकर अधिकारी चिंतित है और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू कांड में न्यायिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि कुख्यात विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) पर दर्ज 65 में से 21 मुकदमों की फाइलें गायब हैं। पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश के बाद भी 21 मुकदमों की फाइलें पुलिस तलाश नहीं सकी है। ये मुकदमे कानपुर के शिवली, कल्याणपुर, चौबेपुर और बिल्लौर में दर्ज थे। इस तथ्य से साफ पता चलता है कि गैंगस्टर विकास दुबे का पुलिस और प्रशासन में क्या रसूख था।
संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की बात अपनी जांच रिपोर्ट में लिखी
आयोग ने इसे गंभीर चूक मानते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की बात अपनी जांच रिपोर्ट में लिखी है। जिन मुकदमों की फाइलें गायब हैं, उनमें से ज्यादातर मुकदमों में विकास दुबे कोर्ट से बरी हो गया था। आयोग ने इसकी विस्तृत जांच कराने और संबंधित विभाग के दोषी अधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश भी की है और इसे गंभीर लापरवाही माना है। विकास दुबे के विरुद्ध दर्ज जिन मुकदमों की फाइलें गायब हैं, उनमें अधिकतर में वह कोर्ट से बरी हो गया था।
इनमें 11 मुकदमे कानपुर के शिवली थाने में दर्ज हुए थे। चार मुकदमे कल्याणपुर थाने में, पांच मुकदमे चौबेपुर थाने और एक मुकदमा बिल्हौर थाने में दर्ज हुआ था। यह मुकदमे गुंडा एक्ट, मारपीट, बलवा, जान से मारने की धमकी, जानलेवा हमला, पुलिस से मुठभेड़ और अन्य धाराओं से जुड़े हैं। बता दें दूसरी तरफ कानपुर में गैंगस्टर के मददगार के रूप में 37 पुलिसकर्मी जांच में दोषी पाए गए हैं। इनमें 1996 से लेकर 2020 तक वे सभी पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन्होंने कहीं न कहीं विकास दुबे को कानून के शिकंजे से निकालने का काम किया या फिर उसके काले कारनामों पर पर्दा डाला है।