'दारुल उलूम में अंग्रेजी पढ़ाई पर प्रतिबंध नहीं, आदेश में हुई लिखित त्रुटि'...UP अल्पसंख्यक आयोग को दिया जवाब

Darul Uloom Deoband: दारुल उलूम देवबंद ने उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के नोटिस का जवाब दिया, जिसमें उसने अंग्रेजी पर प्रतिबंध को लिखित त्रुटि बताया।

Update: 2023-06-21 10:04 GMT
दारुल उलूम देवबंद (Social Media)

Darul Uloom Deoband: प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल-उलूम देवबंद (Darul-Uloom Deoband) की ओर से अन्य संस्थानों में छात्रों के अंग्रेजी सहित अन्य विषय पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सुनाया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग (UP Minorities Commission) ने संज्ञान लिया। आयोग ने मदरसे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। जिस पर जवाब दिया गया है।

सहारनपुर (Saharanpur) स्थित देवबंद के नाजिम मजलिस तालीमी अर्थात शिक्षा विभाग के प्रबंधक ने बुधवार (21 जून) को नोटिस का जवाब दिया। देवबंद ने जवाब में 13 जून को जारी आदेश में लिखित त्रुटि की बात कही। साथ ही, दारुल उलूम में अंग्रेजी के पढ़ाई पर प्रतिबंध नहीं लगाने की भी बात कही।

क्या था मामला?

बीते दिनों दारुल उलूम देवबंद में 'दीनी तालीम' के दौरान पढ़ाई कर रहे छात्रों को बाहर जाकर अंग्रेजी अथवा दीगर शिक्षा से दूर रहने का फरमान जारी किया था। छात्रों के लिए दारुल उलूम देवबंद ने नया आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया कि बाहर जाकर अंग्रेजी या अन्य कोर्स की पढ़ाई करने से दीनी तालीम प्रभावित होती है। अंग्रेजी या दीगर पाठ्यक्रम की पढ़ाई पर पाबंदी लगाने का मकसद इस्लामी शिक्षण संस्थान (Islamic Educational Institute) की शिक्षा व्यवस्था को बरकरार रखना है।

...तो बाहर कर दिए जाएंगे

देवबंद ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि, देवबंद का स्वयं का एक अंग्रेजी विभाग है। दारुल उलूम देवबंद ने उर्दू में जारी इस आदेश में ये भी कहा था, कि 'विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि दारुल उलूम देवबंद में पढ़ाई के दौरान कोई अन्य पाठ्यक्रम (अंग्रेजी आदि) की अनुमति नहीं होगी। यदि विश्वसनीय स्रोतों से उनका आचरण सिद्ध होता है तो उन विद्यार्थियों को बाहर कर दिया जाएगा।'

अल्पसंख्यक आयोग ने लिया संज्ञान

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सचिव शकील अहमद सिद्दीकी (Shakeel Ahmed Siddiqui) ने मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया से उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को ज्ञात हुआ है कि मदरसे में शिक्षा लेने के दौरान ये विद्यार्थी किसी अन्य माध्यम यानी अंग्रेजी में शिक्षा नहीं ले सकते।' आयोग ने 15 जून को इस बाबत ये भी कहा कि, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम-1994 की धारा- 15 के अंतर्गत आयोग के किसी आदेश या निर्देश की अवहेलना करना IPC के विभिन्न प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध है।

'आदेश में लिखित त्रुटि हुई थी'
इसी मामले में 21 जून को दारुल उलूम ने अल्पसंख्यक आयोग को सफाई दी। अपने जवाब में इस्लामिक शिक्षण संस्थान ने कहा, कि 'दारुल उलूम में अंग्रेजी पढ़ाई पर प्रतिबंध नहीं है। 13 जून को जारी आदेश में लिखित त्रुटि हुई थी।' हालांकि, अब जब जवाब आ गया है तो मामला यहीं समाप्त माना जा रहा है।

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