न्यू इंडिया निर्माण की दिशा में नए दशक का पहला बजटः श्रीकांत शर्मा

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय बजट को लेकर कहा कि नए दशक का पहला बजट न्यू इंडिया के निर्माण की दिशा में है।

Update: 2020-02-01 14:41 GMT

लखनऊ। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय बजट को लेकर कहा कि नए दशक का पहला बजट न्यू इंडिया के निर्माण की दिशा में है। यह बजट आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास करने वाला भारत और सभी की देखभाल करने वाला भारत बनाने वाला है।

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लोकसभा में शनिवार को प्रस्तुत किये गये बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर में युवा, मध्यम वर्ग और नए करदाता को बड़ी राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हार्दिक अभिनंदन। अब 5 लाख से 7.5 लाख सालाना आय पर 20 की बजाय 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा।

5 लाख तक की आय करमुक्त ही रहेगी

5 लाख तक की आय करमुक्त ही रहेगी। उन्होंने कहा कि अगले तीन सालों में बिजली के पुराने मीटर हटाकर प्रीपेड और स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। उपभोक्ताओं के पास स्मार्ट मीटर की वजह से सप्लायर और रेट चुनने का विकल्प होगा। ऊर्जा और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22 हजार करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है।

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बजट के महत्वपूर्ण बिन्दुओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 7.5 लाख से 10 लाख तक सालाना आय पर 20 प्रतिशत की बजाय 15 प्रतिशत टैक्स लगेगा। 10 लाख से 12.5 लाख तक की आय पर भी 30 प्रतिशत की जगह 20 प्रतिशत टैक्स लगेगा। 12.5 लाख से 15 लाख की आय पर 30 प्रतिशत की बजाय 25 प्रतिशत टैक्स 15 लाख से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स जारी रहेगा।

 

शर्मा ने कहा कि इसी तरह अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के क्षेत्र में बड़े कदम उठाये गये हैं। किसानों की बंजर जमीन पर सोलर प्लांट लगेंगे। 20 लाख किसानों को सोलर पंप, 15 लाख ग्रिड पंप भी सोलर से जुड़ेंगे। किसानों के लिए 16 सूत्रीय फॉर्मूले हैं।

तीन महीनों में जीएसटी संग्रह लगातार 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है

 

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने मोदी सरकार की उपलब्धियों बताते हुए कहा कि जीएसटी से टैक्स चोरी में कमी आई। दो साल में 60 लाख नए करदाता बढ़े। घरेलू खर्च में भी 4 फीसदी की कमी आई। करीब 40 करोड़ रिटर्न फाइल हुए और कुल 105 करोड़ ई-वे बिल बने। पिछले तीन महीनों में जीएसटी संग्रह लगातार 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 27 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी की रेखा से ऊपर आये। भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना। बढ़ते भरोसे के कारण 2014 से 2019 के बीच 284 बिलियन डॉलर की एफडीआई आई।

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