योगी की ये फोर्स हराएगी कोरोना को, है इतनी जबर्दस्त मोर्चाबंदी
गुरु श्रीगोरक्षनाथ चिकित्सालय में तीन सौ बेड के साथ 10 बेड का आइसीयू वेंटीलेटर भी है जबकि देवीपाटन मंदिर न्यास के पास 50 बेड का अस्पताल तैयार है। पीठ ने मजदूरों और भूखे लोगों को मांग के अनुसार भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबले में जहां पूरे देश में अपने अपने स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं वहीं गोरखपुर की गोरक्ष पीठ जिसे नाथ पीठ भी कहते हैं अपनी चिकित्सीय सेवा के हथियार के साथ आगे आई है। गोरक्ष पीठ का सेवा परायणता का पुराना इतिहास रहा है। इस राष्ट्रीय आपदा के समय भी पीठ प्रबंधन ने आगे बढ़कर प्रशासन को प्रस्ताव दिया है कि वह गोरखपुर स्थित गुरु श्रीगोरक्षनाथ चिकित्सालय और बलरामपुर स्थित देवीपाटन मंदिर न्यास के अस्पताल का इस्तेमाल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए कर सकता है।
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गुरु श्रीगोरक्षनाथ चिकित्सालय में तीन सौ बेड के साथ 10 बेड का आइसीयू वेंटीलेटर भी है जबकि देवीपाटन मंदिर न्यास के पास 50 बेड का अस्पताल तैयार है। हालांकि गोरखनाथ मंदिर और मां पाटेश्वरी शक्तिपीठ श्रद्धालुओं के लिए इन दिनों पूरी तरह बंद हैं। बावजूद इसके पीठ ने मजदूरों और भूखे लोगों को मांग के अनुसार भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया है।
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गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर और मां पाटेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पूरी तरह से बंद हैं। श्रद्धालुओं से घर में पूजा साधना करने की अपील की जा रही है लेकिन दीन दुखियों की सेवा के लिए हम तत्पर हैं। यह सिलसिला लॉक डाउन रहने तक जारी रहेगा।
84 कोसी परिक्रमा भी स्थगित
इस बीच बड़ी खबर यह भी है कि अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा भी स्थगित कर दी गई है। यह परिक्रमा आठ अप्रैल से शुरू होनी थी। 21 दिन की यह परिक्रमा अयोध्या सहित बस्ती, अंबेडकरनगर, बाराबंकी और गोंडा जिले से होकर गुजरती है। वर्तमान में कोरोना संकट के चलते यह संभव नहीं है इसलिए यह परिक्रमा स्थगित कर दी गई है। बीते दशक में यह पहला मौका है जब परिक्रमा स्थगित की गई है।