मौत का सौदागर बना यूपी का ये नैशनल हाईवे, इतने लोगों की जा चुकी है जान
लगातार हादसों मे अपनी जान गवाकर लोग परिवार को मुश्किल मे डाल देते है। कुछ ऐसे होते है जो घायल होने के बाद गरीबी के चलते उनका इलाज तक नही हो पाता हैं।
आसिफ अली
शाहजहांपुर। लगातार हादसों मे अपनी जान गवाकर लोग परिवार को मुश्किल मे डाल देते है। कुछ ऐसे होते है जो घायल होने के बाद गरीबी के चलते उनका इलाज तक नही हो पाता हैं। उनके परिवार कर्जा लेकर इलाज पर पैसा लगाते लगाते बड़े कर्ज मे डूब जाते है। लेकिन लोग एक हजार रूपये का हैल्मेट लेकर खुद को सुरक्षित नही करते है।
ये भी पढ़ें- दिल्ली के एलजी अनिल बैजल को अरविंद केजरीवाल ने पत्र लिखा, सरकार बनाने का दावा किया पेश
आकंडों की माने तो यूपी के शाहजहांपुर में दस मे करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके है। जबकि कई दर्जन लोग घायल हो चुके है। हादसे मे मरने का सबसे बड़ा कारण है कि लोग हैल्मेट लगाकर चलना पसंद नही करते है। जबकि सबसे ज्यादा मौते सिर मे चोट लगने के कारण हुइ है।
हादसों मे लोगों की मौत का सिलसिला जारी है
वही पुलिस प्रशासन की बात करें तो वह भी सख्ती के साथ हैल्मेट नही पहना पा रहे हैं। काफी पैसा सुरक्षा सप्ताह को लेकर खर्च किया जाता है। लेकिन उसके बाद भी हादसों मे लोगों की मौत का सिलसिला जारी है।
दरअसल पिछले दस दिन मे यूपी के शाहजहांपुर में सङक हादसों मे दो पहिया वाहन सवार करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके है। जबकि करीब तीन दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए है। हादसों के तीन सबसे बङे कारण ये है।
(1) हादसे मे मरने वालों का सबसे बङा कारण है कि हैल्मेट लगाकर न चलना।
(2) दूसरा कारण है हाईवे पर गहरे गहरे गड्ढे होना।
(3) तीसरा कारण है शराब के नशे मे तेज रफ्तार के साथ साथ बाईक चलाना।
अधिकारी हैल्मेट लगाने के प्रति जागरूक भी करते है
दरअसल पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार चेकिंग अभियान चलाया जाता है। सड़क सुरक्षा सप्ताह भी मनाया जाता है। जिसमे काफी ज्यादा पैसा पुलिस प्रशासन खर्च करता है। स्कूलों मे जाकर अधिकारी हैल्मेट लगाने के प्रति जागरूक भी करते है। लेकिन हादसों मे मरने वालों के आंकड़े तो यही ब्यान कर रहे कि जनता जागरूक होना नही चाहती है।
दो दिन पहले बरेली के फरीदपुर से बाईक सवार तीन बगैर हैल्मेट के गंगा स्नान करने के लिए ढाई घाट जा रहे थे। तीन लोग एक ही बाईक पर सवार थे । तीनो ही लोग शराब के नशे मे थे। खास बात ये है कि किसी ने भी हैल्मेट नही लगाया था। तभी स्टेट हाईवे पर किसी बङे अज्ञात वाहन ने उनको टक्कर मार दी थी।
जिससे तीनो बाईक सवारो के सिर मे काफी गंभीर चोटे आई थी। हादसे के बाद जब तीनों घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया तो डाक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया था। डाक्टरों ने बताया था कि सभी के सिर मे काफी गंभीर चोटे थी। अगर हैल्मेट लगाए होते तो उनकी जान बच सकती थी।
तीन दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो चुके है
तभी newstrack.com ने हादसों को लेकर अस्पताल के डाक्टरों से पिछले दस दिन का आंकड़ा मांगा। जिसमे पता चला कि पिछले दस दिन मे बाईक सवार लोग हादसों मे करीब दो दर्जन लोग अपनी जान गवा चुके है। जबकि तीन दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो चुके है।
इमर्जेंसी मेडिकल आफिसर डाक्टर मेहराज आलम ने newstrack.com से बात करते हुए कहा कि जब हादसों मे घायल या मरने वाले लोगों को अस्पताल मे लाया जाता है। ज्यादातर उनके पास से शराब की बदबू आती है। शराब पीने के बाद गाङी चलाना वैसे भी जुर्म है लेकिन लोग मानते नही है।
शराब पीकर बाईक चलाने के बाद हादसे मे लोग बुरी तरह घायल हो जाते है
शराब पीकर बाईक चलाने के बाद हादसे मे लोग बुरी तरह घायल हो जाते है। या फिर मर जाते है। इसके बाद सबसे ज्यादा दिक्कत उनके परिवारों को होती है। कुछ ऐसे होते है जो बेहद गरीब होते है। उनके पास इलाज के लिए पैसे भी नही होते है। लेकिन ऐसे बाईक सवार अपने परिवार के लिए नही सोचते है।
डाक्टर का कहना है कि अक्सर हादसे मे घायल होने वाले लोगों के सिर मे काफी ज्यादा चोटे आती है। मरने का कारण भी सबसे ज्यादा सिर मे चोट लगना होता है। लेकिन अभी भी लोग हैल्मेट लगाकर नही चलते है। जबकि हैल्मेट लगाकर बाईक चलाने के बाद अगर हादसा हो भी जाता है तो सिर पर चोट लगने के आसार कम होते है।
खुशहाल रखने के लिए हैल्मेट लगाकर चलना चाहिए
शरीर के किसी भी हिस्से पर चोट लगने से उसका इलाज किया जा सकता है। लेकिन अगर सिर मे चोट लग जाए तो इलाज संभव नही होता है। ऐसे मे लोग पुलिस के डर से नही बल्कि अपने परिवार को खुशहाल रखने के लिए हैल्मेट लगाकर चलना चाहिए।
वैसे हादसों का एक कारण और भी है। नैशनल हाईवे 24 पर अभी भी इतने ज्यादा गड्ढे है। जिनकी वजह से छोटे से लेकर बङे हादसे आये दिन होते रहते है। हाईवे पर भारी वाहन से लेकर छोटे वाहनों की स्पीड ज्यादा होती है। लेकिन अचानक गड्ढा आ जाने के कारण लोग अपनी गाड़ी को कंट्रोल नही कर पाते है। जिससे हादसा हो जाता है। ऐसे मे जिला प्रशासन हाईवे पर होने वाले गड्ढों को तत्काल ठीक कराए।
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने लगाया आरोप, कहा सरकार इस खतरे को नहीं ले रही गंभीरता से
नैशनल हाईवे 24 पर गड्ढों के सवाल पर बरेली कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने कहा था कि गड्ढों को लेकर संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों को चेताया जा चुका है। अगर कोई हादसा होता है कि सीधी कार्यवाही संबधित अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों के उपर की जाएगी। लेकिन कमिश्नर साहब भूल गए कि आखिर हादसों का इंतजार कर क्यों रहे हैं।