अब वाराणसी में तिरुपति भगवान, ट्रस्ट ने लिया ये बड़ा फैसला
इसके अलावा महादेव की नगरी काशी की साफ-सफाई, आंध्र प्रदेश सरकार को इतनी भायी कि मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी अपने प्रदेश में भी काशी की स्वच्छता प्रणाली को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।
लखनऊ: अपने हिन्दूवादी और राष्ट्रवादी एजेंडे तहत योगी सरकार प्रदेश की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हुए एक और बड़ा काम करने जा रही है। आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मन्दिर ट्रस्ट महादेव की नगरी काशी में एक मंदिर की स्थापना का किया जाएगा। तिरुपति तिरुमला देवस्थानम ट्रस्ट की ओर से प्रस्तावित यह मंदिर करीब 5 एकड़ में होगा, जिसके लिए आंध्र प्रदेश के अधिकारी 28-29 नवम्बर को वाराणसी भ्रमण के दौरान भूमि की तलाश भी करेंगे।
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नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत वाराणसी में इस क्षेत्र में शानदार काम हुआ है
इसके अलावा महादेव की नगरी काशी की साफ-सफाई, आंध्र प्रदेश सरकार को इतनी भायी कि मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी अपने प्रदेश में भी काशी की स्वच्छता प्रणाली को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश सरकार अपने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट प्रबंधन की योजना शुरू करने की तैयारी में है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत वाराणसी में इस क्षेत्र में शानदार काम हुआ है, ऐसे में आंध्र प्रदेश के अधिकारी विभिन्न मानकों पर वाराणसी में हुए काम का अध्ययन करने के लिए दो दिनी वाराणसी दौरे पर आ रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश के अधिकारी बनारस प्रणाली का अध्ययन करेंगे।
आंध्र प्रदेश के अधिकारियों का दल 28-29 नवंबर को इसके लिए वाराणसी आएंगे
मुख्यमंत्री जगनमोहन ने अपने अधिकारियों को वाराणसी के सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था का अध्ययन करने को कहा है। आंध्र प्रदेश के अधिकारियों का दल 28-29 नवंबर को इसके लिए वाराणसी आएंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर आंध्र प्रदेश सरकार ने नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत बनारस में हुए कार्यों की तारीफ की है।
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत हुए कार्यों की देश-विदेश में खूब सराहना मिल रही है। सीवेज उपचार संयंत्रों से घाटों की स्थिति सुधारने और गंगा नदी के सतह की सफाई करने के लिए काशी में समयबद्ध तरीके से अनेक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि इस पावन नदी को प्रदूषण से मुक्त बनाया जा सके।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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