प्रयागराज के माघ मेले में पहुंचे 'ट्रंप', कुटिया में बैठकर दिन भर कर रहे भक्ति उपासना
माल मेले में दूर-दूर से साधु महात्मा पहुंचे हुए हैं। स्नान के बाद दिन भर वे भक्ति उपासना में डूबे रहते हैं। लेकिन इस बार ये मेला संतों के अनूठे नामों की वजह से लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
लखनऊ: मकर संक्रांति के दिन से संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है। महाशिवरात्रि तक चलने वाला आस्था का मेला संगम की रेती पर आयोजित किया गया है।
इस बार 57 दिनों तक चलने वाले मेले के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई थी। मेले के पहले दिन स्नान पर्व पर करीब 80 लाख श्रद्धालुओं पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाई थी।
माघ मेले के दौरान छह प्रमुख स्नान होंगे। प्रशासन का अनुमान है कि इस बार साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे।
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मेले में पहुंचे हिटलर और ट्रंप, भंडारे की देखरेख की मिली जिम्मेदारी
हर साल की तरफ इस बार भी मेले में दूर-दूर से साधु महात्मा पहुंचे हुए हैं। स्नान के बाद दिन भर वे भक्ति उपासना में डूबे रहते हैं। लेकिन इस बार ये मेला संतों के अनूठे नामों की वजह से लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
संतों का वैसे तो कोई जाति,धर्म नहीं होता। ये बात सभी जानते हैं। गुरु द्वारा उन्हें जो नाम मिलता है उसी से उनकी पहचान होती है। माघ मेले में इस बार ऐसे ही अनोखे नाम वाले हिटलर बाबा, ट्रम्प बाबा भी आए हुए हैं।
मेले में उनकी खूब चर्चा हो रही है। लोग उनके कुटियां में उन्हें देखने के लिए आ रहे हैं। दिन भर लोगों का तांता लगा रह रहा है। हिटलर बाबा ने बताया कि उन्हें ये नाम उनके गुरु ने दिया है।
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मल्टी टास्किंग हैं हिटलर औरट्रंप, हर जिम्मेदारी को बखूबी करते हैं पूरा
उनके काम से खुश होकर एक बार हिटलर पुकारा तो वो इसी नाम से मशहूर हो गए। हिटलर बाबा के मुताबिक उनको जो भी काम मिलता उसे पूरी ईमानदारी से निभाते हैं और गुरु के आदेश का पालन करते हैं। इसी गुण से प्रसन्न होकर गुरु ने उन्हें ये नाम दिया।
वहीं यहां पर ट्रंप बाबा भी आये हुए हैं। ट्रम्प का युग अमेरिका में भले ही खत्म हो गया हो लेकिन प्रयागराज में ट्रम्प बाबा की चर्चा हर तरफ हो रही हैं।
ट्रम्प बाबा अपने आश्रम की पूरी जिम्मेदारी उठाते हैं और अभी वहां भण्डारे का काम देख रहे हैं। वह पूजा पाठ के अलावा और भी कई अन्य विधाओं में निपुण हैं।
उन्होंने बताया कि ये नाम उनके गुरु ने उनकी पर्सनैलिटी के आधार पर दिया। जब उनसे पूछा गया कि हिटलर और ट्रम्प हैं कौन? इस सवाल का जवाब दोनों के पास नहीं था।
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