बहराइच: नेपाल के रायल बर्दिया नेशनल पार्क से भटककर कतर्नियाघाट सेंचुरी पहुंचे दो हाथियों ने सुबह बिछिया-गिरिजापुरी मार्ग पर डेरा जमा लिया। लगभग 2 घंटे तक लोगों का आवागमन प्रभावित रहा। वनकर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों हाथी रास्ते से हटकर जंगल में चले गए, लेकिन आसपास गांव के लोग अभी भी दहशत में हैं।
कब हाथियों ने रोक दिया आवागमन
-सुबह छह बजे के आसपास नर व मादा हाथी खाता कारीडोर से होते हुए कतर्नियाघाट सेंक्चुरी के कतर्नियाघाट रेंज में दाखिल हो गए।
-हाथी घने जंगल से होते हुए बिछिया-गिरिजापुरी मार्ग पर पहुंच गए।
-बिछिया बाजार से एक किलोमीटर की दूरी पर नर व मादा हाथी सुबह छह बजे चिंघाड़ रहे थे।
-ऐसे में मार्ग पर आवागमन ठप हो गया। सड़क के दोनों तरफ भारी भीड़ जमा हो गई।
-सूचना पाकर कतर्नियाघाट रेंज के वन क्षेत्राधिकारी आरकेपी सिंह व गिरिजापुरी चौकी इंचार्ज श्याम नारायण श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे।
-दोनों अधिकारियों ने जमा भीड़ को नियंत्रित करते हुए हौसला बंधाया।
-दो घंटे तक वनकर्मियों ने हाथियों को जंगल की ओर भेजने के लिए मशक्कत की।
-हालांकि नेपाली हाथियों के आने के कारण बिछिया, नई बस्ती, टेड़िया समेत अन्य वनग्रामों के लोग दहशत में रहे।
-रात में दोनों हाथी गांव पर हमला न करें, इससे सशंकित होने लगे।
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यह है वन क्षेत्राधिकारी का कहना
-वन क्षेत्राधिकारी आरकेपी सिंह का कहना है कि विभागीय टीम गश्त कर रही है।
-गांवों पर नजर रखी जा रही है।
-अगर हाथियों का हमला हुआ तो तत्काल सहायता मुहैया कराई जाएगी।