कानपुर: कानपुर में समाजवादी पार्टी के नेता ने पार्टी प्रत्याशी को समर्थन न करने वाले मौलवी को धमकाना शुरू कर दिया है। मौलाना की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। बुखारी के बसपा के पक्ष में मतदान करने के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओ में खलबली मच गई है।
क्या है पूरा मामला ?
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष नसीरुद्दीन ने आर्य नगर विधानसभा से सपा प्रत्याशी अमिताभ बाजपेई के पक्ष में माहौल बनाने के लिये उलेमा काउंसिल के महासचिव दबाव डाला। मना करने पर उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी सलीश को गाली-गलौज दी और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
क्या कहना है उलेमा काउंसिल के महासचिव का ?
उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी सलीश के मुताबिक, बदकिस्मती से मैं आर्य नगर विधानसभा का रहने वाला हूं। आर्यनगर विधानसभा से मुख्यमंत्री के करीबी अमिताभ बाजपाई सपा से उम्मीदवार हैं।
मैं इस विधानसभा में रहता हूं तो मुझ पर उन्हें वोट देने का दबाव बनाया जा रहा है। मुझसे फोन पर कहा मैं आप से मिलना चाहता हूं। मैंने उनसे मिलने से मना कर दिया। इसके बाद मेरे पुराने मित्र जो दो बार नगर के जिलाध्यक्ष रहे नाशिरुद्दीन ने मुझसे मिलने का दबाव बनाया।
क्या मुझे सीएम फांसी पर चढ़ा देंगे ?
इसके बाद मैंने उनसे भी मिलने से मना कर दिया। पूर्व जिलाध्यक्ष नाशिरुद्दीन ने मुझे 8 फरवरी को सुबह फोन किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आप की रिपोर्ट मांग रहे हैं। मैंने कहा कि मैं तो किसी जलसे या चुनाव प्रचार में भी नहीं गया हूं तो वह मेरी रिपोर्ट क्यों मांग रहे हैं। क्या मुझे मुख्यमंत्री फांसी पर चढ़ा देंगे। इस बात के बाद मैंने बेकनगंज में इसकी शिकायत दर्ज कराई। यह रिपोर्ट मैं चुनाव आयोग, डीएम और एसएसपी को फैक्स कर दी है।