Atiq Ahmed: जेल से ही माफिया ने रची थी साजिश‘, उमेश मर्डर केस में माफिया का कबूलनामा, पत्नी शाइस्ता भी थी शामिल!
Atiq Ahmed: रिमांड कॉपी के मुताबिक, अतीक ने पुलिस को बताया कि हमने जेल से उमेश की हत्या की साजिश तैयार की, साथ ही पत्नी शाईस्ता ने जानकारी दी थी कि उमेश के साथ 2 पुलिसकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं, सबसे पहले उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों को मारने का आदेश था।
Atiq Ahmed: उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद पुलिस की रिमांड पर है। पुलिस अतीक से कई राज खुलवाने की कोशिश करेगी। वहीं रिमांड कॉपी के मुताबिक, अतीक ने पुलिस को बताया कि हमने जेल से उमेश की हत्या की साजिश तैयार की, साथ ही पत्नी शाईस्ता ने जानकारी दी थी कि उमेश के साथ 2 पुलिसकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं, सबसे पहले उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों को मारने का आदेश था, मतलब साफ था कि पुलिस वालों पर हमला पहले से तय किया गया था।
उमेश पाल हत्याकांड में बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद माफिया अतीक टूट चुका है। अतीक ने कबूल कर लिया है कि उसने ही हत्या की साजिश रची थी। रिमांड कॉपी के मुताबिक, आरोपी अतीक अहमद ने 12 अप्रैल 2023 को पुलिस को अपने बयान में बताया कि मैंने उमेश पाल हत्याकांड की पूरी साजिश जेल में बैठकर रची। रिमांड कॉपी के मुताबिक, अतीक ने पत्नी शाईस्ता से मुलाकात के दौरान नए मोबाइल फोन और सिम मुहैया करवाने को बोला था और उस सरकारी आदमी का नाम भी बताया था, जिसके हाथ ये मोबाइल और सिम जेल में पहुंचेंगे। इसके साथ ही बरेली जेल में बंद अशरफ को भी मोबाइल और सिम मुहैया करवाये गए थे।
रिमांड कॉपी के मुताबिक, अतीक ने पुलिस को बताया कि हमने जेल से उमेश पाल की हत्या की साजिश तैयार की, साथ ही शाईस्ता ने जानकारी दी थी कि उमेश के साथ 2 गनर रहते हैं, सबसे पहले उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों को मारने का आदेश था, यानी पुलिस वालों पर हमला पहले से तय किया गया था।
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माफिया की पत्नी शाइस्ता फरार
माफिया की पत्नी शाइस्ता फरार है। असद के जनाजे में हो सकती है शामिल। यानी अब साफ हो गया है कि उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ तो शामिल ही थे, साथ ही अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन की भूमिका भी अहम थी। फिलहाल शाइस्ता फरार है और उसे पकड़ने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं। प्रयागराज पुलिस के पास ऐसी सूचना है कि शाइस्ता अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल हो सकती है। इसको लेकर टीमें अलर्ट हैं।
अपने बेटे के जनाजे में शामिल होने के लिए गिड़गिड़ा रहा माफिया-
वहीं माफिया अतीक अहद अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल होने के लिए गिड़गिड़ा रहा है। 1979 में पहला कत्ल करने वाले अतीक अहमद को इसका अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि जिस असद को वो अपने अपराध की सल्तनत का सरगना बनाना चाहता है, उसे आखिरकार इसी दोगज जमीन में दफ्न होकर माफियागीरी की कीमत चुकानी पड़ेगी।
महज 20 मिनट की दूरी पर, फिर भी नहीं आ पाएगा अतीक-
प्रयागराज के कसारी मसारी इलाके के कब्रिस्तान में असद अहमद की कब्र खोदी गई है। अतीक का बेटा जहां दफनाया जाएगा, वहां से अतीक अहमद केवल 20 मिनट की दूरी पर है, लेकिन सैकड़ों लोगों को रुलाने वाला अतीक अब रोकर भी अपने बेटे को आखिरी बार नहीं देख सकता। बेटे असद को दफनाने की जगह से धूमनगंज का थाना सिर्फ 8 किमी दूर है। जिस बेटे को अतीक अहमद ने अब से सात साल पहले हाथ में माउजर देकर कहा था- चलाओ दनादना गोली। उसे अंदाजा नहीं था कि एक दिन वही बेटा गोलियां चलाने की वजह से यूं हाथ में बंदूक लेकर मारा जाएगा। अब नौबत ये है कि अतीक बेटे असद के जनाजे तक से दूर है और वह जनाजे में शामिल होने के लिए गिड़गिड़ा रहा है, लेकिन उसे कोर्ट से जनाजे में जाने की परमिशन नहीं मिल पाई है।