बैंकों की लापरवाही: RBI नहीं ले रहा संज्ञान, मानसिक रूप से परेशान खाताधारक

यूनियन बैंक के ग्राहक को महीनों से सिर्फ एक चेकबुक नहीं दे पा रहा है। जिसके कारण ग्राहक को मानसिक हानि, धन हानि झेलनी पड़ रही है और समय की बर्बादी अलग से हो रही है।

Update:2020-09-15 19:32 IST
बैंकों की लापरवाही: RBI नहीं ले रहा संज्ञान, मानसिक रूप से परेशान खाताधारक

लखनऊ: सरकार द्वारा सरकारी और प्राइवेट बैंकों की व्यवस्था की गई ताकि आम और ख़ास आदमी अपनी बचत पूँजी को सुरक्षित रख सके। सभी बैंक अच्छी सर्विस देने का दावा तो करते हैं लेकिन कई बार ये दावे झूठे साबित होते दिखाई देते हैं। बैंक ग्राहक को एक काम के लिए बैंक के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। जब एक ग्राहक को एक चेकबुक प्राप्त करने के लिए महीनों लग जाता है। तब पता चलता है कि बैंक की कार्यशैली कैसी है और सेवाएं कैसी हैं। गौरतलब है कि सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों पर निगरानी की जिम्मेदारी आरबीआई के पास है।

यूनियन बैंक का मामला

इस कोरोना संकट के दौर में जहां एक तरफ केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा लोगों की मदद के लिए कई सुविधाएं शुरू की गई है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी बैंक लोगों की परेशानियों को दूर करने की बजाय और बढ़ाने का काम कर रही हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें यूनियन बैंक के ग्राहक को महीनों से सिर्फ एक चेकबुक नहीं दे पा रहा है। जिसके कारण ग्राहक को मानसिक हानि, धन हानि झेलनी पड़ रही है और समय की बर्बादी अलग से हो रही है।



चेकबुक के लिए अगस्त महीने में किया था आवेदन

दरअसल, ये मामला है यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का जहां बैंक ग्राहक प्रवीन सिंह ने बीते महीने अगस्त में बैंक शाखा अलीगंज सेक्टर -O,लखनऊ से चेकबुक के लिए आवेदन किया था। फिर कई दिनों तक कोई जानकारी नहीं मिलने पर बैंक ग्राहक ने चेकबुक के लिए ऑनलाइन आवेदन किया।

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कस्टमर केयर से संपर्क करने पर मिला ये जवाब

लेकिन कई दिनों का समय बीतने के बाद जब बैंक कस्टमर केयर से ग्राहक ने संपर्क किया तो जानकारी मिलती है, कि चेकबुक के लिए किसी तरह का आवेदन नहीं किया गया है। आप बैंक शाखा से संपर्क करें।

बैंक शाखा का सीधा जवाब- हम कुछ नहीं कर सकते

इसी तरह से करीब एक महीने से ऊपर का समय निकल गया है, और अभी तक चेकबुक का कुछ अता-पता नहीं है। ऐसे में सबसे जरूरी बात तो ये है, कि बैंक शाखा में पूछने पर बोला जाता है कि कस्टमर केयर से बात कीजिए, हम कुछ नहीं कर सकते हैं।

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आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन?

इसके बाद बैंक द्वारा प्रताणित किया जा रहा। बैंक ग्राहक कस्टमर केयर को फोन करता है, तो कहा जाता है कि आपके रिकॉर्ड में किसी चेकबुक के लिए आवेदन नहीं किया गया है। फिर थोड़ी देर बाद कॉल पर कहा जाता है कि सर हमारे सिस्टम में डाटा नहीं शो हो रहा है।

किसी बैंक द्वारा अगर ऐसी लापरवाही की जा रही है तो आरबीआई को इस संबंध में संज्ञान लेना चाहिए। ताकि बैंकों पर अंकुश लग सके और किसी बैंक ग्राहक को परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस कोरोना काल में इस तरह की प्रताड़ना न झेलनी पड़े।

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