नाम याद दिलाने पर बोलीं स्मृति-हमें राहुल गांधी बना देंगे क्या ?

Update:2016-01-16 10:50 IST

अमेठी. अमेठी के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचीं केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को राहुल गांधी का नाम लेकर चुटकी ली। तिलोई में जनसभा के दौरान स्मृति ने स्टेज से किसी का गलत नाम ले लिया। इसपर पास में खड़े एक व्यक्ति ने उन्हें सही नाम बताया। स्मृति ईरानी ने चुटकी लेते हुए कहा, "हमें राहुल गांधी बना देंगे क्या?" ये सुनकर सभी लोग हंसने लगे।

तिलोई में उन्होंने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, "अमेठी बहुत बैकवर्ड है। यहां डेवलपमेंट चंद लोगों तक ही सिमट कर रह गया है। किसान काफी परेशान हैं। मैं यहां डेवलपमेंट करने के लिए आई हूं।" उन्होंने जनसभा के बाद खिचड़ी भोज भी किया। इसके बाद वो जगदीशपुर के बीएचईएल केंद्रीय विद्यालय भी गईं। बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद अमेठी का उनका ये छठा दौरा है। शाम को वो बीजेपी बूथ लेवल के लोगों से मुलाकात भी करेंगी।

और क्या-क्या कहा स्मृति ईरानी ने?

* तिलोई के एसपीएन इंटर कॉलेज में जनसभा के दौरान उन्होंने अमेठी के लिए कई घोषणाओं का ऐलान किया।

* स्मृति ने अमेठी में 7 एंबुलेंस सर्विस शुरू करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि यहां किसान विज्ञान केंद्र को सरकार ने मंजूरी दे दी है।

* अगर प्रदेश सरकार जमीन मुहैया करा देती है, तो जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।

* 'प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना' से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। किसान 2 फीसदी प्रीमियम डिपॉजिट जमा करेंगे।

* इसके अलावा बाकी की रकम केंद्र और प्रदेश सरकार जमा करेगी।

* किसान को उनकी फसल के नुकसान का पूरा मुआवजा मिलेगा।

क्यों अहम है दौरा

*ये पहला मौका होगा जब वो अमेठी में रात्रि विश्राम करेंगी।

* इस दौरे में उनका मकसद कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की जमीन तलाशना है।

* 2017, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री का दौरा अहम।

* लोगों से मिलकर वहां की सियासी नब्ज पकड़ने की कोशिश करेंगी।

*इस बार कई विकास कार्यों की घोषणा भी कर सकती हैं।

अमेठी में अब तक क्या किया?

-लोकसभा चुनाव में स्मृति ने 23 दिन के प्रचार में ही भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले लाकर खड़ा कर दिया था।

-यही वजह है कि उनकी हार के बाद भी पार्टी को अमेठी में संभावनाए दिखीं ।

-स्मृति कई बार अमेठी का दौरा कर चुकी हैं। कभी आग पीड़ितों की मदद की तो कभी महिलाओं को साड़ी बांटी।

-किसानों के आंसू भी पोंछे तो वहां घर-घर जाकर महिलाओं का बीमा भी कराया।

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