ओलावृष्टि का कहर: बेमौसम बरसात ने किया किसानों का बड़ा नुकसान

तेज़ हवाओं और ओलावृष्टि ने जहां गेहूं, गन्ना, सरसों, चना, मसरी और आलू की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। अगर किसानों की बात करें तो उनका कहना है कि लगातार हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसान की कमर तोड़ कर रख दी है।

Update: 2020-03-13 14:44 GMT

मुज़फ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर में अचानक काले बादल छा गये। जिससे दिन में ही रात हो गई। तभी तेज़ हवाओं और बरसात के साथ जनपद में कई जगहों पर जमकर ओलावृष्टि भी हुई है। बेमौसम हुई इस बरसात ने एक बार फिर से आमजनता को सर्दी की याद दिला दी है। जबकि ये बारिश किसानों के लिए सरदर्द बन गई है।

ओलावृष्टि ने किसान की तोड़ी कम

तेज़ हवाओं और ओलावृष्टि ने जहां गेहूं, गन्ना, सरसों, चना, मसरी और आलू की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। अगर किसानों की बात करें तो उनका कहना है कि लगातार हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसान की कमर तोड़ कर रख दी है। आज अचानक हुई ओलावृष्टि से गेहू,गन्ना,सरसों, चना और मसरी की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इस ओलावृष्टि से गेहू की फसल तो तहस नहस हो चुकी है।

 

ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल

किसान बहुत परशान है। सरकार को किसानो के लिए कुछ करना चाहिये। किसान अपनी तहसीलों के स्तर से सरकार से मुआवजे की डिमांड करेगा। पूरे क्षेत्र में करोड़ों का नुकसान हुआ है। इसका आकलन तो नहीं किया जा सकता। जनपद मुजफ्फरनगर के किसानों ने हो रहे इस ओलावृष्टि के कहर से बड़े नुकसान की आशंका जताई है उनका साफ तौर से कहना है कि लगातार हो रही तेज हवा और बारिश के साथ हुए ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है क्योंकि तेज हवाओं के साथ गन्ने की फसल और गेहूं की फसल खेतों में लोटपोट हो कर खराब होने की स्थिति में पहुंच गई है।

ये भी देखें: नियामक आयोग में मल्टी ईयर रेग्यूलेशन कानून में संशोधन पर चर्चा

अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इन किसानों की कीमती फसल बर्बाद होने पर किस तरह मुआवजे का मरहम लगाती है। क्योंकि ज्यादातर किसानों का कहना है कि किसानों के लगातार फसलों के नुकसान होने पर सरकार कागजों में योजनाएं चलाती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। क्योंकि लगातार ओलावृष्टि से पूरे क्षेत्र में फसलों और आमजन के व्यापार पर पूरी तरह प्रभाव डाला है

 

Tags:    

Similar News