यूपी के नए BJP अध्यक्ष के लिए दिल्ली में मंथन आज, CM योगी भी होंगे शामिल मिलेंगे PM मोदी से
यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह अब योगी मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। जिसके कारण अब प्रदेश की कमान किसी अन्य को सौंपने की तैयारी पार्टी कर रही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में मिली बड़ी सफलता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) आज, 11 अप्रैल को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा सहित अन्य नेताओं से मिलेगें। इसके बाद शाम 7 बजे एक बड़ी बैठक में शामिल होंगे। बैठक में संगठन मंत्री सुनील बंसल और यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के अलावा कई अन्य पार्टी नेता मौजूद रहेंगे। इस बैठक में पार्टी के संकल्प पत्र को पूरा करने के साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष पर भी विचार किया जाएगा।
बता दें कि, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिनों से अपने गृह नगर गोरखपुर में हैं। सोमवार दोपहर बाद वो लखनऊ पहुंचेंगे, जिसके बाद दिल्ली के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से भी मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का यह पहला दिल्ली दौरा है।
अनूप गुप्ता के नाम पर बनेगी सहमति?
उल्लेखनीय है कि यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह अब योगी मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। जिसके कारण अब प्रदेश की कमान किसी अन्य को सौंपने की तैयारी पार्टी कर रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश के महामंत्री अनूप गुप्ता के निर्विरोध एमएलसी बनने के बाद अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान भी सौंपी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि दो साल बाद लोकसभा चुनाव भी हैं। इसलिए ओबीसी मतदाताओं को संतुष्ट करने के लिए भाजपा ओबीसी चेहरा अनूप गुप्ता पर दांव लगाने के लिए विचार कर रही है। इनमें प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा योगी सरकार में मंत्री बन गए हैं। वहीं, प्रदेश महामंत्री और यूपी चुनाव प्रबंधन के इंचार्ज जयप्रकाश राठौर भी अब योगी मंत्रिमंडल में शामिल हो चुके हैं।
क्या ब्राह्मण चेहरे पर लगेगी दांव?
वहीं, पार्टी का एक गुट इस बात पर जोर दे रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष की कमान किसी ब्राह्मण नेता को सौंपी जानी चाहिए। वैसे भी सरकार में इस बार पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा को जगह नहीं मिल सकी है। इन दोनों ही ब्राह्मण नेताओं की चर्चा जोरों पर है। जबकि, सांसद सुब्रत पाठक और बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पीछे नहीं है।