Meerut News: योगी सरकार के बजट को विपक्षी दलों के नेताओं ने बताया छलावा

Meerut News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश सचिव चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि इसे चुनाव से प्रेरित बजट बताया और कहा कि इसमें व्यापारियों और मध्यम वर्ग की अनदेखी की गई है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-02-22 19:04 IST
File Photo of opposition leader (Pic: Social Media)

Meerut News: यूपी बजट पर स्थानीय विपक्षी पार्टी के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश सचिव चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि इसे चुनाव से प्रेरित बजट बताया और कहा कि इसमें व्यापारियों और मध्यम वर्ग की अनदेखी की गई है। वहीं, युवाओं के लिए भी कुछ खास नहीं दिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि इसमें न तो किसी समस्या के समाधान के बारे में बताया गया है और न ही इससे भविष्य में किसी फैसले को आगे लेकर जाने की कोई रास्ता ही दिखाई दे रहा है।

चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि आंकड़ों की बाजीगरी के अलावा बजट में और कुछ भी नहीं है। कुल मिला कर बजट प्रदेश की गरीब जनता,बेरोजगार युवाओं, किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्गीय लोंगो के लिए एक छलावा साबित होगा।

 बजट के नाम पर सभी के साथ हुआ छल - प्रदेश अध्यक्ष संगीता दोहरे

राष्ट्रीय लोकदल(सामाजिक न्याय मंच) की प्रदेश अध्यक्ष संगीता दोहरे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 का आज बजट पेश किया गया किंतु किसान,मजदूर,छोटे व्यापारी और महिलाएं आज भी खाली हाथ रह गए। उन्होंने कहा कि बजट के नाम पर इन सभी के साथ छल हुआ है। रालोद नेत्री ने कहा कि पूर्व के बजट की बहुत घोषणा अभी तक धरातल पर नहीं उतरी है।

किसानों को नलकूप हेतु मुफ्त निर्बाध बिजली की घोषणाएं अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है। मेरठ की बात करते हुए संगीता दोहरे ने कहा कि हस्तिनापुर क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए कोई घोषणा अथवा बजट का प्रावधान नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा तथा उनकी रसोई के लिए बजट में किसी भी तरीके का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए यह बजट उत्तर प्रदेश वासियों के लिए सिर्फ छलावा है।

बसपा एमएलसी बोले- ऊंट के मुंह में जीरा

बसपा एमएलसी अतर सिंह राव एडवोकेट ने कहा कि बजट को ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए कहा कि हमारी पार्टी का स्पष्ट कहना है कि कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी है। बजट ऊंट के मुंह में जीरा है। कर्ज के बढ़ते बोझ से स्पष्ट है कि सरकार, दावों एवं प्रचारों के विपरीत, हर मोर्चेपर विफल हो रही है।

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