UP By Election : 'अब तक तो डरे हुए थे, अब हिले हुए भी हैं', अखिलेश यादव ने कविता के जरिए बीजेपी पर किया प्रहार

UP By Election 2024 : उत्तर प्रदेश उपचुनाव को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक कविता पोस्ट करते हुए बीजेपी पर करारा प्रहार किया है।

Newstrack :  Network
Update:2024-11-09 19:34 IST

UP By Election 2024 : उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसे लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। राजनीतिक दल अपने-अपने सियासी समीकरण सेट करने में लगी हुई है। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक कविता पोस्ट करते हुए किसी दल या पार्टी का नाम लिए बगैरा करारा प्रहार किया है। उन्होंने लिखा, अब तक तो डरे हुए थे, अब हिले हुए भी हैं।

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर एक कविता पोस्ट करते हुए विपक्षी दलों पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, अब तक तो डरे हुए थे, अब हिले हुए भी हैं। इसके आगे उन्होंने कविता लिखी -  

हे कृष्ण-कन्हैया, नंद-गोपाल

जिनकी संपत्ति दंभ-अहंकार!

न्याय विरुद्ध हैं जिनके ‘काम’

उनको माफ़ करना घनश्याम

पराजय काले विनाश-विनाश

मुँह से निकले ‘अनाप-शनाप’

शब्द हैं जिनके विष के बाण

जो आस्तीन में हैं पाले साँप

उनको भी सन्मति दे भगवान

हम करें प्रार्थना हे राधेश्याम

भय वितरक को दें अभयदान

‘शब्द’ हों उनके नाम-समान!

सीएम योगी पर साधा निशाना

पूर्व सीएम अखिलेश यादव के इस पोस्ट को लेकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका निशान सीएम योगी आदित्यनाथ पर है।  अखिलेश यादव ने यह पोस्ट सीएम योगी आदित्यनाथ के खैर और करहल के दौरे के ठीक बाद किया है।

नोटबंदी को लेकर किया करारा प्रहार

इससे पहले अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर नोटबंदी को लेकर करारा प्रहार किया। उन्होंने लिखा, नोटबंद की लाइन में जन्मा ख़ज़ांची 8 साल का हो गया और नोटबंदी की नाकामयाबी का इतिहास भी इतने ही साल पुराना हो गया। ⁠नोटबंदी दुनिया के आर्थिक इतिहास की सबसे भ्रष्ट घटना है। ⁠नोटबंदी भाजपा के भ्रष्टाचार का महासागर साबित हुई।

उन्होंने आगे लिखा, ⁠नोटबंदी के समय जितने भी दिखावटी लक्ष्य रखे गये थे उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ। ⁠नोटबंदी का असर Slow Poision जैसा हुआ, पिछले 8 साल में इसने किसान, मज़दूर, मध्य वर्ग, नौकरीपेशा, पेशेवर लोग और छोटे दुकानदार-व्यापारी, रेहड़ी-पटरी-फेरीवालें सबको अपना शिकार बनाया। यह भाजपा की वोटबंदी का कारण बनी है।

उन्होंने कहा कि ⁠नोटबंदी ने मंदी लाकर बहुत सारे काम-कारख़ानों पर ताला लगाया है अब यही भाजपा की सत्ता की तालेबंदी करेगी।


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