UP Election 2022: मुबारकपुर सीट पर सपा की घेराबंदी, ओवैसी ने दिया अखिलेश को झटका, गुड्डू जमाली बनेंगे बड़ी चुनौती
UP Election 2022: आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट पर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा सियासी खेल कर दिया है।
UP Election 2022: आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट पर एआईएमआईएम (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बड़ा सियासी खेल कर दिया है। असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस सीट पर शाह आलम गुड्डू जमाली (Shah Alam Guddu Jamali) को उतारकर बाकी सभी दलों के प्रत्याशियों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। इस सीट पर दो बार चुनाव जीतने वाले जमाली सपा में टिकट से दावेदार थे मगर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस सीट पर अपनी ही नाम राशि के उम्मीदवार अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को उतारकर जमाली को झटका दे दिया था।
अब जमाली को एआईएमआईएम (AIMIM) की ओर से इस सीट पर टिकट दिया गया है। ओवैसी का यह कदम सपा मुखिया अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) के लिए भारी झटका माना जा रहा है क्योंकि जमाली की इस चुनाव क्षेत्र पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।
दिलचस्प सियासी जंग
सबसे अमीर विधायक(Sabse Amir Vidhayak) माने जाने वाले जमाली 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी के रूप में इस सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं। जमाली के सीट पर उतरने से दिलचस्प सियासी जंग की उम्मीद जताई जा रही है।
जमाली ने दिया था बसपा से इस्तीफा
जमाली ने पिछले साल नवंबर में बसपा से इस्तीफा (Jamali Ka BSP Se Istifa) दिया था। उन्हें मायावती(Mayawati)का करीबी माना जाता था और इसी कारण मायावती(Mayawati)ने पिछले साल गर्मी के दौरान लालजी वर्मा की जगह जमाली को बसपा विधानमंडल दल का नेता भी बनाया था। हालांकि बाद में उनकी मायावती(Mayawati) से पटरी नहीं बैठ सकी और उन्होंने बसपा से इस्तीफा (BSP Se Istifa) दे दिया था।
जमाली का कहना था कि मायावती(Mayawati) के साथ बैठक के दौरान मुझे महसूस हुआ कि भी मेरी निष्ठा और ईमानदारी से वे संतुष्ट नहीं हैं और ऐसे में मैं पार्टी पर बोझ बनकर नहीं रहना चाहता। जमाली के इस्तीफे को मायावती(Mayawati) के लिए बड़ा झटका माना गया था।
जमाली पर मायावती का बड़ा आरोप
हालांकि बाद में मायावती (Mayawati) ने जमाली पर बड़ा आरोप लगाकर उन्हें घेरने की कोशिश की थी। उनका कहना था कि जमाली की कंपनी में काम करने वाली एक युवती ने उनके चरित्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।
जमाली मुख्यमंत्री से बात करके इस मुकदमे को खत्म कराने का दबाव बना रहे थे। मेरे मना करने के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। दूसरी ओर जमाली का कहना था कि मेरे खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा पूरी तरह बेबुनियाद है और मुझे अदालत पर पूरा भरोसा है। उनका यह भी कहना था कि मायावती(Mayawati) मुख्यमंत्री नहीं हैं जो मैं उनसे मुकदमा खत्म कराने के लिए गुहार लगाऊंगा।
अखिलेश ने नहीं दिया सपा का टिकट
बसपा से इस्तीफा देने के बाद जमाली ने सपा मुखिया अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने मुबारकपुर सीट (Mubarakpur assembly seat) पर दावेदारी भी की थी। मुलाकात के बाद उनका कहना था कि सपा मुखिया ने मुझे चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दिया है। मुबारकपुर सीट पर जमाली का सपा से टिकट तय माना जा रहा था मगर एक सप्ताह पूर्व सपा की ओर से जारी सूची ने जमाली के अरमानों पर पानी फेर दिया।
इस सूची में मुबारकपुर सीट (Mubarakpur assembly seat) से अखिलेश यादव को टिकट दे दिया गया। इस सीट पर सपा के टिकट के लिए काफी मारामारी थी और आखिरकार सपा मुखिया ने जमाली का टिकट काटने का फैसला किया था। जमाली ने पहले से ही चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रखी थी और आखिरकार उन्हें ओवैसी ने अपनी पार्टी से इस सीट पर टिकट दे दिया है।
लगातार दो बार जीत चुके हैं जमाली
मुबारकपुर विधानसभा सीट (Mubarakpur assembly seat) पर जमाली की मजबूत पकड़ मानी जाती है और वे 2012 और 2017 का चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। बसपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें मैदान में उतारा था।
हालांकि इस चुनाव में उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के सामने हार का सामना करना पड़ा था। आजमगढ़ में सपा की मजबूत पकड़ के बावजूद जमाली लगातार दो चुनाव में जीतने में कामयाब हुए थे।
2014 के चुनाव में भी उन्होंने मुलायम को कड़ी चुनौती दी थी और इसी कारण सपा को दिग्गज नेताओं और कई मंत्रियों की टीम को आजमगढ़ में उतारना पड़ा था। आखिरी समय में मुस्लिमों का समर्थन पाकर मुलायम जीतने में कामयाब हुए थे
सबसे अमीर विधायक
Sabse Amir Vidhayak
गुड्डू जमाली मौजूदा विधानसभा के सबसे अमीर विधायक (Sabse Amir Vidhayak) रहे हैं। वे पूर्वांचल प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीएमडी हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति करीब 118 करोड़ की है। यही कारण है कि बसपा की आर्थिक मदद करने वाले नेताओं में भी उनकी गिनती की जाती थी।
2017 के चुनाव में अपने हलफनामे में जमाली ने 118 करोड रुपए की संपत्ति बताई थी। इस तरह उनके पास अपनी पार्टी की मुखिया मायावती से भी ज्यादा संपत्ति थी। मायावती ने राज्यसभा चुनाव के दौरान आखिरी बार चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपनी संपत्ति 111 करोड़ रुपए बताई थी।
पिछले बार हुआ था कड़ा मुकाबला
मुबारकपुर सीट पर इस बार कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार परवीन मंदे को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने अरविंद जायसवाल का चुनाव क्षेत्र बदलते हुए उन्हें इस बार मुबारकपुर में किस्मत आजमाने का मौका दिया है। सपा की ओर से अखिलेश यादव जमाली से दो-दो हाथ करेंगे। वैसे यह जानना भी दिलचस्प है कि जमाली ने 2012 और 2017 दोनों चुनावों में इस सीट पर अखिलेश यादव को ही हराया है।
पिछले चुनाव में जमाली और अखिलेश यादव के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था और जमाली मात्र 688 मतों से जीतने में कामयाब हुए थे। माना जा रहा है कि सपा मुखिया ने इसी कारण अखिलेश यादव पर ही एक बार फिर भरोसा जताया है। दूसरी ओर ओवैसी ने जमाली को उतारकर सपा मुखिया को भारी झटका दिया है।
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