UP Election 2022: चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल हुईं अपर्णा यादव ने नहीं डाला अपना वोट, कयासों का बाजार गर्म

पूर्व सीएम अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने यहां आकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि उन्हीं के परिवार के तीन सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-02-20 16:32 GMT
अपर्णा यादव की तस्वीर 

UP Election 2022: देश के सबसे बड़े सूबे का सबसे बड़ा सियासी परिवार माने जाने वाला यादव परिवार विभिन्न वजहों से हमेशा सुर्खियों में रहता है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के इस भऱे पूरे परिवार के सियासी हरकतों पर लोगों की पैनी नजर होती है। तीसरे चरण में यादव परिवार का गढ़ माने जाने वाले इटावा में भी मतदान था।

पूर्व सीएम अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने यहां आकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि उन्हीं के परिवार के तीन सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया।

मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव ने नहीं डाला वोट

तीसरे चरण के मतदान के दौरान सभी लोगों की नजर सैफई के उस मतदान केंद्र पर था, जहां मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अपना मताधिकार का प्रयोग करने आना था। लेकिन शाम तक वो वोट देने नहीं पहुंची। उनके अलावा सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव औऱ उनकी पत्नी साधना गुप्ता भी वोट देने नहीं पहुंची।

इन तीनों का नाम सैफई के वोटर लिस्ट में दर्ज है। तीनों को सैफई स्थित अभिनव स्कूल में मतदान करने आना था। लेकिन शाम तक किसी ने मतदान नहीं किया। जिसे लेकर कयासों का बाजार गर्म है।

बीजेपी नेता अपर्णा यादव की तस्वीर 

वोट नहीं डालने की वजह

ऐसा पहली बार हुआ जब मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता, बहू अपर्णा यादव और बेटे प्रतीक यादव मतदान करने नहीं पहुंचे। इससे पहले उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वोट डालने के लिए सैफई आते रहे हैं। मुलायम की बहू अपर्णा को लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी थी, दरअसल ये पहला मौका था जब यादव परिवार को कोई इतना करीबी शख्स सैफई में सपा के खिलाफ वोट डालने पहुंचा हो। अपर्णा यादव ने चुनाव से ऐन पहले बीजेपी ज्वाइन कर सपा को बड़ा झटका दिया था।

उसके बाद से ही उनके परिवार के खिलाफ दुष्प्रचार होना शुरू हो गया था। माना जा रहा है कि इसके पीछे सपा के ही नेताओं का ही हाथ है। शायद इन्हीं वजहों से अपर्णा के परिवार से कोई वोट डालने नहीं पहुंचा। हालांकि ये सब कयासें हैं, हकीकत से तो अपर्णा यादव ही रूबरू करवा पाएंगी। 

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