UP Election 2022: पटियाली में हर बार हुआ है उलटफेर, आज़म की करोड़पति रिश्तेदार ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प

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Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-02-04 07:13 GMT

प्रत्याशी नादिरा सुल्तान एवं ममतेश शाक्य (फोटो-सोशल मीडिया)

UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव में कासगंज जिले की पटियाली सीट(Patiali seat) का सियासी मुकाबला बेहद रोचक रहा है क्योंकि यहां के मतदाताओं ने एक उपचुनाव को छोड़ कभी भी दोबारा किसी प्रत्याशी को दोबारा नहीं चुना है। पटियाली में हर चुनाव में नए विधायक को चुना गया है। इस बार भाजपा ने अपने प्रत्याशी ममतेश शाक्य को रिपीट किया है जबकि अन्य दलों के प्रत्याशी पहली बार चुनाव मैदान में हैं।

इन प्रत्याशियों में आज़म खान के परिवार की बहू और एटा के पुराने कांग्रेसी मुशीर अहमद खान (Congressman Musheer Ahmed Khan) की बेटी नादिरा सुल्तान उर्फ बिटिया शामिल हैं जिनको सपा ने उतारा है। इससे पहले नादिरा सुल्तान 2007 में कांग्रेस के टिकट पर भी पटियाली विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी हैं, तब वो तीसरे नंबर पर रहीं थीं। बसपा ने प्रोफेसर नीरज किशोर मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है।

मुस्लिमों की बड़ी तादाद 

इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिमों की बड़ी तादाद है लेकिन अब तक के 15 चुनावों में सिर्फ तीन बार ही मुस्लिम प्रत्याशी यहां से विधायक चुना गया है।

2017 में सपा ने यहां किरण यादव को उम्मीदवार बनाया था और वह भाजपा के ममतेश शाक्य से 4 हजार से कम वोटों से हार गईं थीं। इस बार किरण यादव के ही मैदान में उतरने की उम्मीद थी लेकिन उनको टिकट नहीं मिला।

बताया जाता है कि आजम खान के दबाव के चलते नादिरा सुल्तान को टिकट दिया गया। नादिरा के पिता मुशीर अहमद खान 1968 और 1974 में एटा से कांग्रेस के सांसद रहे। नादिरा सुल्तान आजम खान के रिश्ते के भांजे अब्दुल हफीज की पत्नी हैं। चुनाव आयोग में दाखिल जानकारी के मुताबिक नादिरा के पास 29 करोड़ 51 लाख रुपये की संपत्ति है।

1969 में बनी थी पटियाली सीट

पटियाली विधानसभा सीट 1969 में अस्तित्व में आई थी। पटियाली विधानसभा सीट पर सबसे पहले विधानसभा चुनाव में बीकेडी के त्रिमल सिंह विधायक बने थे। उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बनारसी दास को चुनाव में हराया था।

इस सीट से पांच बार कांग्रेस, चार बार भाजपा, दो बार सपा, दो बार बसपा, एक बार बीकेडी और एक बार जनता दल का प्रत्याशी चुनकर विधानसभा पहुंचा। यहां से कोई भी प्रत्याशी लगातार दो बार विधायक नहीं चुना गया। सिर्फ 1982 के उपचुनाव में राजेंद्र सिंह चौहान कांग्रेस से विधानसभा का चुनाव जीते। 1985 के चुनाव में उन्होंने फिर कांग्रेस की टिकिट से ही इस सीट पर विजय पाई।

सिर्फ तीन मुस्लिम प्रत्याशी जीते

पटियाली सीट पर 15 बार चुनाव हो चुका है। और मात्र तीन बार ही मुस्लिम प्रत्याशी यहां से विधायक चुना गया है। व1974 और 1980 में कांग्रेस की टिकट पर मोहम्मद जमीर अहमद खां यहां से जीते थे। उसके बाद 30 वर्ष तक इस विधानसभा सीट से कोई मुस्लिम प्रत्याशी विजयी नहीं हुआ। 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नजीबा खान जीनत यहां से विधायक निर्वाचित हुईं।

अमीर खुसरो की जन्मस्थली

पटियाली महान सूफी संत अमीर खुसरो की जन्मस्थली है। इस क्षेत्र में ज्यादातर ग्रामीण इलाके आते हैं। मान्यताओं के अनुसार यहाँ महाभारत काल में द्रुपद द्वारा क़िलानिर्मित कराया गया था। पटियाली राजा द्रुपद की राजधानी थी। यहां पर पाटलावती देवी का मंदिर है जो शक्तिपीठ है और राजा द्रुपद ने इसको बनवाया था। पटियाली की दरियागंज झील लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। काकोड़े का मेला के अवसर पर कादरगंज घाट पर हजारों की संख्या में लोग जमा होते हैं।

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